Manohar Lal Khattar resigns from membership of Assembly

दस से कम श्रमशक्ति वाले उद्योगों के लिए अनुमति की जरूरत नहीं

हरियाणा के 22 जिलों में से किसी भी जिले में, जिन उद्योग, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और निर्माण परियोजनाओं में श्रमशक्ति (labor force)  की संख्या 10 से कम है तो राज्य सरकार के पास आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।  बशर्ते सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों और केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में वर्णित अन्य आवश्यकताओं को पूरा करना होगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने राज्य में लॉकडाउन खोलने के लिए तुरंत प्रभाव से हरियाणा समेकित संशोधित दिशानिर्देशों को स्वीकृति प्रदान की है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज शुक्रवार 01 मई, 2020 को चंडीगढ़ में यह जानकारी देते हुए बताया कि संशोधित राज्य दिशानिर्देशों के अनुसार केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रियाओं की अनुपालना करते हुए औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं से ऑनलाइन स्व-घोषणा प्राप्त करने उपरांत गतिविधियां संचालित करने की स्वत: अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि हरियाणा के 14 जिले नामत: अम्बाला, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा और यमुनानगर में मानदंडों के अनुसार पोर्टल पर आवेदन जमा करने के तुरंत बाद स्वीकृति स्वत: स्व-सृजित होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी तथा सूचना प्रौद्योगिकी इनैबल्ड सेवाओं की इकाइयों को छोडक़र उद्योगों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, वाणिज्यिक और निजी प्रतिष्ठानों के लिए यदि श्रमशक्ति (labor force) की आवश्यकता 20 लोगों तक की है तो उनमें शत-प्रतिशत चलाने की अनुमति होगी।
20 से अधिक श्रमशक्ति (labor force) की आवश्यकता के मामले में, 50 प्रतिशत श्रमशक्ति या 20 लोगों के साथ, जो भी अधिक हो, चलाने की अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि आईटी और आईटीईएस इकाइयों के मामले में यदि 20 लोगों तक की श्रमशक्ति (labor force) की आवश्यकता है तो उनमें 50 प्रतिशत श्रमशक्ति (labor force) की अनुमति दी जाएगी। यदि आवश्यकता 20 से अधिक लोगों की है तो 33 प्रतिशत श्रमशक्ति या 10 व्यक्तियों, जो भी अधिक हो, की अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि निर्माण स्थलों की परियोजनाओं के लिए, इन-सिटू के प्रत्येक मामले में शत-प्रतिशत श्रमशक्ति (labor force) के साथ संचालन की अनुमति दी जाएगी। हालाँकि, इसके लिए कोई पास जारी नहीं किया जाएगा।
बहरहाल, गैर-इन-सिटू परियोजनाओं के मामले में, कुल कार्यबल के 50 प्रतिशत के साथ कार्य करने की अनुमति होगी और इसके लिए नीले रंग के पास जारी किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अगर इन 14 जिलों में से किसी में भी कोविड-19 के पॉजिटिव मामले की संख्या 15 तक पहुँच जाती है तो सभी औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं को अपना कार्य बंद करना होगा।
इसलिए जैसे ही इन जिलों में 10 कोविड-19 मामले पॉजिटिव आते हैं तो पोर्टल पर स्वीकृति प्राप्त प्रत्येक औद्योगिक इकाई, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और निर्माण परियोजनाओं को एक ऑटो-अलर्ट भेजा जाएगा कि जिले  में कोविड-19 के 15 पॉजिटिव मामलों में से पांच कम हैं जिसके पश्चात उनकी अनुमति और पास अवधि स्वत: ही खत्म हो जाएगी और उन्हें अपनी यूनिट को बंद करना होगा।
इसीप्रकार, ऐसे ही संदेश कोविड मामलों की संख्या 15 होने तक हर बढ़ौतरी के साथ भेजे जाएंगे। जैसे ही इन मामलों की संख्या 15 तक पहुंचती है तो सभी अनुमतियाँ अपने आप वापिस ले ली जाएंगी।
प्रवक्ता ने बताया कि कहा कि शेष 8 जिलों फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, पानीपत, नूंह, पलवल, झज्जर और पंचकूला में अनुमति विकास खंड / टाउन या ज़ोन (नगर निगम के मामले में) के स्तर पर अधिकृत कमेटी द्वारा दी जाएगी। यदि किसी ब्लॉक / टाउन या ज़ोन में पिछले 28 दिनों में कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों की संख्या 10 तक पहुँच जाती है तो आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को छोडक़र, किसी भी औद्योगिक इकाई को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस प्रकार, किसी ब्लॉक / टाउन या ज़ोन में कोविड-19 पॉजिटिव की संख्या जैसे ही छ: पहुंच जाती है, तो संचालन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई सभी औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं को स्वत: ऑटो-अलर्ट भेजा जाएगा।
उन्होंने बताया कि उपर्युक्त जिलों के ब्लॉक / कस्बा / ज़ोन (नगर निगम के मामले में) जिनमें 10 से कम कोविड मामले हैं उनमें केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 15 अप्रैल, 2020 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार अनुमति दी जाएगी और ऐसे जिलों में व्यक्तिगत इकाई को पास जारी किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी 22 जिलों में औद्योगिक इकाइयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और निर्माण परियोजनाओं में इन-सिटू लेबर के साथ संचालन करने की अनुमति दी जाएगी और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार श्रमिकों को परिसर के अंदर ही रहना होगा। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में अनुमति प्राप्त करने के सात दिनों के अंदर-अंदर संचालन कार्य शुरू  नहीं किया जाता है तो हर इकाई का अनुमोदन बिना नोटिस के रद्द किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन को लगातार जमीनी स्तर पर निरन्तर आकलन व निगरानी करना होगा और यदि जिले में कोविड-19 के नए मामले बढ़ते हैं तो उपायुक्त दिशानिर्देशों की समीक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि किसी भी जिले में शत-प्रतिशत निर्यातोन्मुखी इकाइयों और शत-प्रतिशत इन-सिटू श्रम वाली इकाइयों को पास जारी करने में वरीयता दी जाएगी और संचालन शुरू करने के लिए हर प्रकार की आवश्यक सुविधाएं एवं सहयोग प्रदान किया जाएगा। यदि औद्योगिक इकाई या वाणिज्यिक प्रतिष्ठान श्रमिकों के लिए अपने फैक्टरी परिसर या परियोजना स्थल के निकट ही किसी भवन में मजदूरों के रहने की व्यवस्था के प्रबंध करते हैं तो ऐसे मामलों को इन- सिटू श्रम परियोजनाओं के समान माना जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि चूंकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक संचालन को फिर से शुरू करने पर बल दिया गया है, अत: जिला प्रशासन सहित सभी संबंधित ग्रामीण क्षेत्रों में इकाइयों को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।
उन्होंने कहा कि 19 अप्रैल, 2020 को गठित कमेटियां पांच दिनों के अंदर-अंदर अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में अनुमोदित की गई गतिविधियों का निरीक्षण एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों एवं अन्य मानदंड की पालना की जांच करेंगी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ये दिशा-निर्देश केवल उन इकाइयों पर लागू होंगे जो कंटेनमेंट ज़ोन में नहीं पड़ती हैं।