Nirmala Sitaraman

पोत तथा सबमरीन में क्षमता अंतर को कम किया जाएगा

पोत से उड़ान भरने वाले हेलिकॉप्टरों, फ्लीट सपोर्ट, पोत तथा सबमरीन में क्षमता अंतर को पाटने के काम को भारत सरकार गति देगी। यह आश्वासन रक्षामंत्री ने नौसेना कमांडरों को दिया।

पहला द्विवार्षिक नौसेना कमांडरों का सम्मेलन 2018 शुक्रवार को संपन्न हो गया। चार दिन के इस सम्मेलन में व्यापक विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने किया।

अपने संबोधन में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारतीय नौसेना भारत- प्रशांत क्षेत्र में एक शक्ति है।

रक्षामंत्री ने भारतीय नौसेना के दीर्घकालिक अधिग्रहण योजना को अपना समर्थन दिया। यह योजना भारत- प्रशांत क्षेत्र की रणनीतिक दृष्टि के साथ तैयार की गई है।

सम्मेलन में नौसेना के लिए दूसरे स्वदेशी मालवाहक विमान की स्वीकृति की आवश्यकता पर चर्चा की गई। इस परियोजना के अतिरिक्त जहाज निर्माण की जारी परियोजनाओं से भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बल मिलेगा। जहाज निर्माण परियोजनाओं में माइन काउंटर मेजर जहाज (एमसीएमवी), लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक (एलपीडी), एनटी सबमरीन शैलो वाटर क्राफ्ट, डाइविंग सपोर्ट जहाज और सर्वेक्षण जहाज शामिल हैं।

भारतीय पोत कारखानों में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा चलाई जा रही प्रमुख पोत निर्माण परियोजनाओं से रोजगार सृजन के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों को स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करने तथा पोत निर्माण कार्य में समर्थन के लिए विनिर्माण इकाइयां विकसति करने में मदद मिलती है। नौसेना द्वारा 2015 में प्रारंभ की गई 15 वर्ष की ‘नौसेना स्वदेशी करण योजना’ ने भारतीय उद्योग के लिए संरचना, कौशल विकास तथा रोजगार सृजन का अवसर प्रदान किया।

सम्मेलन में नौसेना की मिशन आधारित तैनातियों की समीक्षा भी की गई। इस समीक्षा का उद्देश्य जहाजों की तैनाती तथा आईओआर के अंदर महत्वपूर्ण क्षेत्रो में तैनाती का अधिक से अधिक लाभ उठाना था। अन्य देशों की नौसेनाओं के साथ सूचना साझा करने के अतिरिक्त इन तैनातियों के साथ रक्षा, कूटनीति प्रयासों जैसे द्विपक्षीय युद्धाभ्यास और एक दूसरे के बंदरगाहों पर आने जाने जैसे कदमों को आपस में जोड़ने की योजना है।

सम्मेलन में कमांडरों ने जहाजों के लिए रखरखाव से लेकर संचालन संबंधी नौसेना के नए परिवर्तन चक्र की भी समीक्षा की गई। नए परिवर्तन चक्र के परिणामस्वरूप युद्ध क्षमता तथा पोतों के संचालन दल की क्षमता में सुधार हुआ है। नए परिवर्तन चक्र से लॉजिस्टिक कल-पुर्जों का प्रबंधन तथा भविष्यवाणी तथा मरम्मत नियोजन और व्यय प्रबंधन में सुधार हुआ है।

नौसेना व कमांडरों के सम्मेलन में नई डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया गया। यह ज्ञान प्रबंधन और महत्वपूर्ण डाटा और सूचना अभिलेखों की वापसी के लिए संपूर्ण नौसेना के लिए उपलब्ध होगी।

नौसेना कमांडरो ने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रम्ण्यन और सेना प्रमुख तथा वायु सेना प्रमुख के साथ भी विचार विमर्श किया। नौसेना कमांडरों का अगला सम्मेलन इस वर्ष अक्टूबर/नवंबर में होगा।