बीमारियों के इलाज से ज्यादा जरूरी उनकी रोकथाम : मोदी

हरिद्वार, 3 मई। उत्‍तराखंड में बुधवार को बाबा केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि संस्थान पहुंचे। यहाँ उन्होंने रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया। इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि बीमारियों के इलाज से ज्यादा जरूरी उनकी रोकथाम है। इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने पीएम मोदी को राष्ट्रकृषि की उपाधि दी। इस पर पीएम ने कहा कि यह सम्मान देकर मेरी जिम्मेदारी और बढ़ा दी है।

फोटो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 मई, 2017 को पतंजलि आयुर्वेद रिसर्च सेंटर, हरिद्वार में ‘वर्ल्ड हर्बल इन्साइक्लोपीडिया’ का विमोचन करते हुए। (आईएएनएस)

बाबा रामदेव की तरीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे क्या करना है, क्या नहीं ये रामदेव जी ने मुझे बताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने साथ ही आयुर्वेद जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को नजरअंदाज करने को गलत बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, “आजादी से पहले के दौर में भारत की आयुर्वेद जैसी स्वदेशी और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को नष्ट करने की कोशिश की गई, वहीं आजादी के बाद के दौर में इन्हें नजरअंदाज किया गया।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को निवारक स्वास्थ्य सेवा के महत्व पर बल देते हुए लोगों से भारत को स्वच्छ बनाने के लिए कूड़ा-कचरा न फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि जिस दिन 125 करोड़ लोग भारत को स्वच्छ बनाने की शपथ ले लेंगे, तब वह दिन दूर नहीं रहेगा, जब पूरा देश स्वच्छ होगा।”

बाबा रामदेव की तरफ इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुद से ज़्यादा आपके आशीर्वाद की ताक़त पर भरोसा है। आपका आशीर्वाद ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है। यहां पर परिवार के सदस्‍य की हैसियत के तौर पर आने का सौभाग्य मिला है। उन्‍होंने कहा कि जब आपको सम्मान मिलता है तो आपसे उम्मीदें भी होती हैं।

मोदी ने इस बात पर दुख जताया कि इसका लाभ उठाते हुए अन्य देशों ने इन चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े पेटेंट हासिल कर लिए।

उन्होंने कहा, “दुनिया में अब केवल रोगों के इलाज पर ही जोर नहीं दिया जा रहा, बल्कि निवारक चिकित्सा पर भी जोर दिया जा रहा है। निवारक चिकित्सा सुनिश्चित करने और उसे बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता सबसे जरूरी है।” मोदी ने कहा, “अगर हम स्वच्छता की शपथ लें, गंदगी और कूड़ा कचरा न फैलाने की शपथ लें तो चिकित्सक जितनी जिंदगियां बचाते हैं, हम उनसे भी ज्यादा जिंदगियां बचा पाएंगे।”

इससे पहले प्रधानमंत्री ने रिसर्च सेंटर मुआयना किया। इस दौरान उनके साथ बाबा रामदेव भी थे जिन्होंने प्रधानमंत्री को इस सेंटर की जानकारी दी। पतंजलि का यह रिसर्च सेंटर 200 करोड़ की लागत से बना है।

इससे पहले केदारनाथ मंदिर के कपाट 8.50 बजे खुल गए। पीएम मोदी ने मंदिर में प्रवेश कर भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। पूजा के बाद पीएम मोदी बाहर निकले और लोगों के बीच जाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया। इस ऐतिहासिक अवसर के लिए मंदिर को गेंदे के फूलों से सजाया गया था।