राजस्थान का ‘बेटी बचाओ अभियान’’ देश के सर्वाधिक सफल कार्यक्रमों में शामिल

जयपुर, 10 दिसम्बर(जस)। राजस्थान  में पीसीपीएनडीटी एक्ट की सख्ती से पालना, निरन्तर लिंगानुपात में हो रहे सुधार, सुढ़ मानिटरिंग तंतर््, रिकार्ड डिकॉय आपरेशन एवं बेटी जन्म को प्रोत्साहन के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं को केन्द्रीय कार्मिक विभाग द्वारा प्रकाशित बुकलेट ‘‘रि-क्रिएटिंग एक्सीलेंस’’ के प्रथम दस पृष्ठ पर प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सर्वाधिक सफल कार्यक्रमों में शामिल कर सर्वोच्च प्राथमिकता से प्रकाशित किया गया है।

अध्यक्ष राज्य समुचित पदाधिकारी  पीसीपीएनडीटी नवीन जैन ने बताया कि केंद्रीय स्तर पर प्रकाशित इस बुकलेट में देशभर में विभिन्न राज्यों के सर्वाधिक सफल कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रकाशित की गयी है।

जैन ने बताया कि इस बुकलेट में प्रकाशन में प्रदेश में समाज में बेटियों को बचाने की मुहिम के लिये संचालित डाक्टर्स फार डाटर्स, डाटर्स आर प्रीसियस, बेटी जन्म पर बधाई संदेश कार्यक्रम, टोल फ्री नम्बर 104-108, मुखबिर योजना एवं आनलाइन पोर्टल के जरिये शुभलक्ष्मी एवं राजलक्ष्मी योजना के तहत कन्या जन्म पर प्रोत्साहन राशि का लाभार्थी तक सीधा भुगतान, इम्पैक्ट साफ्टवेयर के जरिये सुढ़ मानिटरिंग तंतर््, एक्टिव ट्रेकर एवं पीसीपीएनडीटी ब्यूरो आफ इन्वेस्टीगेशन के बारे में भी विस्तार से जानकारी प्रकाशित की गयी है।

अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी ने बताया कि पीसीपीएनडीटी इकाई द्वारा एक्ट के तहत अब तक 9 हजार से अधिक निरीक्षण किये गये हैं। अब तक अवैध भू्रण लिंग परीक्षण जैसे घिनौने अपराध में लिप्त 137 लोगों को सजा दिलवायी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इम्पैक्ट साफ्टवेयर के जरिये गर्भवती तक उसके मोबाइल नम्बर पर लिंग परीक्षण एवं भ्रूण हत्या न करवाने का संदेश पहुंचाया जा रहा है। साथ ही संभावित गर्भवतियों पर विशेष निगरानी भी रखी जा रही है।