Tejas_Rajnath Singh

राजनाथ सिंह बने हल्‍के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरने वाले पहले रक्षामंत्री

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) हल्‍के लड़ाकू विमान  ‘तेजस’ (fly the Light Combat Aircraft Tejas) में उड़ान भरने वाले देश के पहले रक्षामंत्री (first Raksha Mantri) बन गए हैं।

राजनाथ सिंह ने 19 सितंबर,2019 को सुबह वेंगलूरु के हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड ( Hindustan Aeronautics Limited ) के हवाई हड्डे पर एयर वाईस मार्शल नर्मदेश्‍वर तिवारी (Air Vice Marshal Narmdeshwar Tiwari) के साथ स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित बहुद्देश्‍यीय लड़ाकू विमान ‘तेजस’(Tejas)  में आधे घंटे तक उडान भरी।

एयर वाइस मार्शल नर्मदेश्‍वर तिवारी ने कहा कि उड़ान के दौरान रक्षामंत्री ने कुछ देर के लिए ‘तेजस’ (Tejas) का नियंत्रण संभाला।

रक्षामंत्री ने तेजस (Tejas) की अपनी इस उड़ान को बहुत ही रोमांचकारी अनुभव बताया।

उन्‍होंने तेजस (Tejas) जैसा विमान बनाने के लिए हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन तथा एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी को बधाई दी।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में बने तेजस (Tejas) विमान की मांग कई देशों से आई है।

उन्‍होंने कहा कि यह गौरव की बात है कि आज भारत में बने लड़ाकू विमान तथा हथियार और गोला- बारुद दुनिया के कई देशों में निर्यात किए जा सकते हैं।

रक्षामंत्री ने भारतीय वायुसेना, थल सेना और नौसेना की उनकी व्‍यावसायिक कुशलता, साहस  और पराक्रम के लिए सराहना करते हुए कहा, ‘ मुझे अपने सशस्‍त्र बलों के सैनिकों पर गर्व है।’

एयर वाइस मार्शल नर्मदेश्‍वर तिवारी ने कहा कि उड़ान के दौरान रक्षामंत्री ने कुछ देर के लिए ‘तेजस’ (Tejas) का नियंत्रण संभाला।

उन्‍होंने कहा कि  राजनाथ सिंह विमान की गुणवत्‍ता और आसान संचालन की खूबी को देखकर काफी प्रसन्‍न हुए।

‘तेजस’ में उड़ान भरने से पहले वायुसेना के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा रक्षामंत्री को विमान की बनावट और चलाए जाने के तरीकों के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई।

रक्षा विभाग के अनुसंधान और विकास इकाई के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्‍यक्ष डॉ. जी.सतीश तथा हिन्‍दुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड के अध्‍यक्ष और प्रबंध निदेशक आर.माधवन के साथ दोनों विभागों के कई वरिष्‍ठ अधिकारी भी इस अवसर उपस्थित थे।

तेजस (Tejas) एक कई खूबियों से लैस एक बहुद्देश्‍यीय लड़ाकू विमान है। इसने देश की वायुसैनिक क्षमताओं को और मजबूत बनाया है।