गोंड समाज प्रकृति और भारत की आदि संस्कृति का संरक्षक : रमन

रायपुर, 18 अगस्त (जस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने बुधवार को यहां गोंडवाना भवन में आयोजित भोजली महोत्सव में गोंड समाज को प्रकृति और भारत की आदि संस्कृति का संरक्षक बताते हुए कहा कि मेहनतकश लोगों का यह समाज भी अब विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। डॉ. सिंह ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि हमारे देश पर शकों से लेकर मुगलों तक कई विदेशी आक्रांताओं ने हमले किए, लेकिन गोंड समाज जैसे आदिवासी समुदायों द्वारा संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए दृढ़ता से किए गए संकल्प के कारण ही आज भी हमारी संस्कृति अक्षुण्ण बनी हुई है।

गोंडी धर्म-संस्कृति संरक्षण समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वन मंत्री महेश गागड़ा और छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष जी.एस. राणा सहित अनेक प्रबुद्धजन और गोंड समाज के वरिष्ठ लोग उपस्थित थे। मुख्य अतिथि की आसंदी से महोत्सव को संबोधित करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि गोंड समाज हमारी आदि संस्कृति और प्रकृति का संरक्षक और संवाहक है। वे आदि देव बुढ़ादेव जिनकी पूरे विश्व में सबसे अधिक मान्यता है के उपासक है।

मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में भोजली महोत्सव के प्रति वर्ष पांच लाख रूपए बजट में शामिल करने की घोषणा की। गोंडी भाषा को गोंडी-बहुल क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा में शामिल कराने के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। समाज के देवालयों के सरंक्षण के हर संभव प्रयास किया जाएगां। डॉ. सिंह ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के अमर शहीद वीर नारायण सिंह और गुंडाधूर जैसे महान क्रांतिकारियों को भी याद किया।