ग्रामीण महिलाएँ अपने ऊपर हुई हिंसा को न छुपाएं : ललिता यादव

भोपाल, 19 जून (जनसमा)। मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री ललिता यादव ने सोमवार को राज्य महिला आयोग की राज्य स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में आज भी ग्रामीण परिवार की महिलाएँ संकोच में अपने ऊपर हुए किसी भी प्रकार के हिंसा को छुपा लेती हैं। मध्यप्रदेश महिलाओं के विकास और समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए जिले एवं ब्लाक स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। अब महिलाएँ अपनी बात को निसंकोच इन समितियों के मध्यम से साझा करेंगी।

यादव ने कहा कि शहरी क्षेत्र की महिलाएँ जागरूक हैं, अपने ऊपर हुई हिंसा के निराकरण के लिए वह पुलिस और आयोग तक पहुँच जाती हैं। ग्रामीण महिलाएँ आज भी संकोच करती हैं। इस बात की भी जानकारी नहीं है कि घरेलू हिंसा, दुर्व्यवहार और शोषण की घटनाओं के निराकरण के लिए महिला आयोग गठित है। मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा महिला उत्पीडन, नारी के प्रति अपराध और घरेलू हिंसा एवं अन्य अपराधों को रोकने के लिए और समय रहते सूचना देने एवं जनजगृति के उद्देश्य से विभिन्न श्रेणी की 6 समितियाँ का गठन किया गया है।

ललिता यादव ने कहा कि इस समितियों को पहले प्राथमिक उपचार करना चाहिए यानि पहले परिवारों में सामांजस्य बनाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि परिवार ना टूटे क्योंकि इसका सीधा प्रभाव बच्चों पर पड़ता है। उन्होंने बढ़ते हुए अपराधिक आकड़ों के बारे में कहा कि पहले महिलाएँ कम जागरूक थीं। अब वे ज्यादा जागरूक हो गई हैं। उन्हें इस बात कि जानकारी है कि डायल 100 करने से पुलिस को सूचना दी जा सकती है और अपने ऊपर हुई किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने के लिए वह पुलिस से मदद ले सकती है।

इस अवसर पर महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेडे ने कहा कि महिला आयोग अब हर द्वार पर पहुँचेगा। इसके लिए सलाहकार समिति, करूणा समिति, मुक्ति समिति, जिला स्तर पर आयोग सखी समिति, ब्लाक स्तर पर आयोग सखी संगिनी समिति, दिव्य समिति तथा आनंद समिति का गठन किया गया है।