सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन बना ‘‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटक मित्र रेलवे स्टेशन’’

जयपुर, 30 जुलाई (जस)। राजस्थान के कोटा रेलवे डिविजन के सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन को वर्ष 2014-2015 के लिए ‘‘सर्वश्रेष्ठ पर्यटक मित्र रेलवे स्टेशन’’ का राष्ट्रीय पर्यटन अवार्ड से सम्मानित किया गया है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार को आयोजित भव्य राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और केन्द्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा द्वारा सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन का राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक रमेश चंदा और कोटा डिविजन की मंडल रेल प्रबंधक (डी.आर.एम) सीमा कुमार ने संयुक्त रूप से ग्रहण किया। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिविजन में स्थित सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन विश्व प्रसिद्ध ‘‘रणथम्भौर टाइगर रिजर्व’’ के गेटवे के रूप में विश्व विख्यात है।

पुरस्कार ग्रहण करने के बाद डी.आर.एम श्रीमती सीमा कुमार ने बताया कि सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर पर्यटकों की सुविधाओं को विश्वस्तरीय बनाने एवं उसके सौदर्यकरण हेतु स्टेशन प्रशासन हमेशा सजग रहता है। विगत वर्षों में हमने रेलवे स्टेशन पर बेहतर पेयजल सुविधाएं, प्लेटफार्म पर बढ़ने की उत्तम व्यवस्था, स्वचालित टिकट मशीनों की स्थापना, रिटायरिंग रूम का उन्नयनीकरण, बॉयोटोयलेट एवं स्टेशन परिसर में लैड-लाइटिंग की बेहतरीन व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि हाल ही में वल्र्ड वाइल्टुलाइफ फंड, भारत के सहयोग से सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन परिसर के 7000 वर्ग फीट क्षेत्र में बेहतरीन चित्रांकन किया गया है। वन्य जीवों के संरक्षण को बढ़ावा देने तथा जन जागृति फैलाने के लिए स्टेशन परिसर की दीवारों पर वन्य जीवन को बड़े सुंदर ढंग से उकेरा गया है। उन्होंने बताया कि सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर किये जा रहे विकास एवं सौदंर्य के प्रयासों के कारण ही इसे ‘प्रथम हेरीटेज स्टेशन’ का दर्जा भी मिल चुका है। श्रीमती कुमार ने कहा कि सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन पर सुंदर चित्रांकन के कारण पर्यटकों को ‘‘लिविंग आर्ट म्यूजियम’’ महसूसता होती है।

राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार समारोह की मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में बोलते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि राजस्थान की मिट्टी में ही पर्यटन की खुशबू है। वहां की संस्कृति में देशभक्ति एवं अतिथि सम्मान का भाव रचाबसा हुआ है। उन्होंने अपने संस्मरणों का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वह उदयपुर में एक पर्यटक की तरह गई थी तो वहां के गाइड ने जिस तरह उन्हें वहां कि मिट्टी एवं संस्कारों से मेरा परिचय करवाया वह आज भी मेरे जहन् में हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पर्यटक गाइड़ों का आदर भाव राज्य की संस्कृति को देश विदेश में बखूबी उजागर करता है।