‘गांवों में काम करने से कतराते हैं राष्ट्रीयकृत बैंक’ :

कोलकाता, 30 जुलाई| पश्चिम बंगाल के एक मंत्री ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार द्वारा बार-बार अनुरोध करने के बावजूद राष्ट्रीयकृत बैंक सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में सेवा प्रदान करने से कतराते रहे हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों का विकास बाधित हुआ है। राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने स्व-सहायता समूह बैंक लिंकेज विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में यह विश्वास भी व्यक्त किया कि राज्य ग्रामीण आजीविका अभियान के तहत 2016-17 सत्र में स्व सहायता समूहों के जरिए गांवों में 4,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट प्रदान कर दिया जाएगा।

मुखर्जी ने यहां पत्रकारों से कहा, “राष्ट्रीयकृत बैंक ग्रामीण इलाकों में सेवा देने से कतराते हैं। इसके कारण हमें कई मामलों में ग्रामीणों को नकदी में लाभ पहुंचाना पड़ता है, जिससे पारदर्शिता को खतरा रहता है। मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद राष्ट्रीयकृत बैंकों ने बिना किसी वाजिब कारण के ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवा का प्रसार नहीं किया।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी वित्तीय मदद को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर रही हैं और दावा करती रही हैं कि केंद्र सरकार की कई योजनाओं के लिए वित्तीय मदद या तो रोक दी गई है या राज्य का अधिभार बढ़ा दिया गया है। –आईएएनएस

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