रचनात्मक पेशे में होना चुनौती के समान : श्रुति हासन

नई दिल्ली, 10 सितम्बर | कई हिंदी और तमिल भाषा की फिल्मों में काम कर चुकीं अभिनेत्री व गायिका श्रुति हासन कहती हैं कि रचनात्मक पेशे में होना अपने आप में एक चुनौती है और वह इसका पूरा आनंद ले रही हैं।

श्रुति ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में बताया, “रचनात्मक पेशे में होना अपने आप में एक चुनौती है। मैं सिर्फ अपने लिए काम नहीं करती, बल्कि उसका आनंद लेती हूं, जब दर्शक मेरी और मेरी कला की तरीफ करते हैं। यह हर लिहाज से चुनौतीपूर्ण है, जिसका मैं मजा ले रही हूं।”

कमल हासन और सारिका जैसे सितारों की बेटी श्रुति खुद को खुशकिस्मत मानती हैं। उनके अनुसार, वह जो करना चाहती थी उसे वह कर पाईं।

वह फिलहाल नेस्ले इंडिया के ‘क्रंचचिलीसियस मंच’ के अभियान में नजर आ रही हैं, जहां गायक व संगीतकार शंकर महादेवन से उन्हें एक ही सांस में गाना गाने की चुनौती मिली है।

इस बारे में उनका कहना है कि यह प्रचार अभियान युवा पीढ़ी के लिए है जो प्रेरणादायी, आत्मविश्वासी और खुद का वजूद बनाने की कोशिश कर रही है।

शंकर-एहसान-लॉय के साथ भविष्य में काम करने की योजना के बारे में श्रुति ने कहा कि उन्होंने फिल्म ‘डी-डे’ में इस तिकड़ी के साथ काम किया है और हाल ही में एक गाने में एहसान और लॉय के साथ काम किया है।

‘वेलकम बैक’, व ‘गब्बर इज बैक’ आदि फिल्मों में काम कर चुकीं श्रुति के अनुसार, उनके लिए हिंदी या दक्षिण भारतीय फिल्म मायने नहीं रखती, बल्कि अच्छा काम मायने रखता है।

ब्रिटिश आल्टरनेटिव रॉक बैंड डायनोसॉर पाइल-अप के साथ काम करने के बारे में ज्यादा खुलासा नहीं करते हुए उन्होंने बस इतना कहा कि काम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हो रहा है, साथ ही जल्द ही इस बारे में बात करने की उम्मीद जताई।

हाल में पुदुच्चेरी में संगीतकार जॉय बरुआ के साथ दिखीं श्रुति के अनुसार वह वास्तव में कुछ रोमांचक संगीत परियोजनाओं पर काम कर रही हैं, जिसके बारे में वह जल्द ही घोषणा करेंगी।        –आईएएनएस

(फाइल फोटो)