A local train gets derailed in Mumbai

मुंबई में प्रतिदिन 10 लोग जीवन से हाथ धोते हैं उपनगरीय रेलवे ट्रैकों पर

मुंबई, 18 अक्टूबर| मुंबई मध्य रेलवे के उपनगरीय ट्रैकों पर प्रतिदिन 10 लोग अपने जीवन से हाथ धोते हैं। एक राष्ट्रीय जनसंपर्क संगठन ने नियमित रूप से आने जाने वाले यात्रियों के लिए एक विशेष सामाजिक संदेश ‘मिशन मुंबई लोकल’ शुरू किया है। उपनगरीय रेल सेवा को मुंबई की जीवन रेखा कहा जाता है, जिससे प्रतिदिन लगभग 75 लाख लोग सफर करते हैं। और यह सिस्टम अपनी क्षमता से 400 से 800 गुना अधिक काम करती है।

आधिकारिक तौर पर यह माना जाता है कि प्रतिदिन लगभग 10 लोग ट्रेनों से गिरने से या रेलवे ट्रैक पार करते समय मारे जाते हैं। यहां तक की नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने भी इस पर अपनी चिंता जताई है।

File photo : A local train gets derailed while pulling out of a platform of Dombivali station in Mumbai, on Sept. 30, 2014. (Photo: Sandeep Mahankal/IANS)

पब्लिक रिलेशंस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीआरसीआई), जनसंपर्क राष्ट्रीय संस्था, मीडिया, विज्ञापन, मानव संसाधन पेशेवरों और जन संचार शिक्षाविदों द्वारा विभिन्न हित धारकों, निर्णयकर्ताओं और सेलेब्रिटियों का ध्यान खींचने के लिए ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से ‘लाइफलाइनमुंबई’ अभियान की शुरुआत की गई है।

रेल मंत्रालय ने जानकारी के लिए इसके बारे में विस्तार से पूछा, जिसका पीआरसीआई ने जवाब दिया।

वहीं रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस विषय पर गंभीर रूप से चिंता जाहिर करते हुए इसका अध्ययन करने का आदेश दिया। इसके बाद मध्य रेलवे ने एक कमेटी गठित की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में 20,000 करोड़ रुपये के बदलाव की योजना की सलाह दी।

कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, मध्य रेलवे के विभिन्न कारणों की वजह से प्रतिदिन 10 लोग लोग मारे जाते हैं और दस लोग रेलवे ट्रैक पर घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि इस बूनियादी समस्या का एक प्रमुख कारण ‘मांग और आपूर्ती के बीच का बड़ा अंतर है।’

पीआरसीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.एन. कुमार ने कहा, “रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य रेलवे का ट्रैफिक, मुख्य रूप से आवास के लिए सस्ते कीमतों की वजह से प्रति वर्ष चार प्रतिशत बढ़ रहा है जहां पश्चिम रेलवे की ट्रैफिक प्रतिवर्ष एक प्रतिशत गिर रही है।”

वहीं समिति ने चेतावनी दी है कि अगर वर्ष 2030 तक उपनगरीय रेल प्रणाली में बदलाव नहीं किया जाता है तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

पीआरसीआई के सलाहकार और अवकाश प्राप्त अध्यक्ष एम.बी.जयराम ने कहा, “हमारा अभियान सभी हितधारकों को समझाना है जससे वह आम यात्रियों के सुरक्षा के लिए काम करे जो सामाजिक संदेश का हिस्सा भी है।” पीआरसीआई पहले भी जल संरक्षण और आत्मरक्षा के कार्यक्रमों के साथ बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए इस तरह के संदेश वाले अभियान चला चुकी है।

जयराम ने कहा कि उल्लेखनीय है कि रिपोर्ट पर हस्ताक्षर करने वालों में किरीट सोमाइया, पूनम महाजन, अरविंद सावंत और राजन विचारे के साथ ही मुंबई के कमिश्नर, थाने और कल्याण नगर निगम और मध्य रेलवे के जनरल मैनेजर एस.के. सूद भी शामिल हैं।

पार्किं ग की जगह की कमी के कारण ट्रेन देरी पर टिप्पणी करते हुए मध्य रेलवे के पैनल ने बताया कि इस गंभीर समस्या का कारण विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनों की समाप्ती और एक ही लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही है।

मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर अधिकतम 465 ट्रेनें टर्मिनेट होते हैं। वहीं थाने स्टेशन पर 395, पनवेल पर 274, कल्याण पर 194 और वासी पर 181 ट्रेनें टर्मिनेट होते हैं।

सीएसटी पर धीमी गती की लाइनों को भूमिगत स्थानांतरित किए जाने का प्रस्ताव है, जिसमें छह लाइनों के एक समूह में ऊपर और नीचे रेलवे शाखा बनाया जाएगा। पनवल के लिए कमेटी ने इस सेवा को कजरत और रोहा तक बढ़ाए जाने की सलाह दी है। साथ ही कहा कि सीएसटी, थाने, कल्याण, कजरत और कसरा स्टेशनों पर इस समाधान के लागू होने से और 20 प्रतिशत ट्रेनें धीमी गति के लाइनों पर आ सकती हैं।

–आईएएनएस