Nabha jail

पंजाब की अतिसुरक्षित जेल से खूंखार आतंकवादी, गैंगस्टर फरार

नाभा (पंजाब), 27 नवंबर | पंजाब की अतिसुरक्षित नाभा जेल पर रविवार को हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सरगना हरमिंदर सिंह मिंटू सहित दो आतंकवादियों और चार अन्य गैंगस्टर्स को लेकर फरार हो गए, जिसके बाद पूरे पंजाब और पड़ोसी राज्य हरियाणा में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी। इस बीच पुलिस ने हरियाणा की ओर जाने वाली पटियाला-चीका मार्ग पर फरार कैदियों को पकड़ने के लिए लगाए गए एक बैरिकेड पर न रुकने पर एक वाहन पर गोलीबारी की, जिसमें एक महिला की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पहचान में हुई गलती के चलते यह घटना हुई।

पंजाब पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके की घेरेबंदी कर ली है और फरार कैदियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया है। पंजाब की हरियाणा और राजस्थान से सटी सीमा के अलावा पाकिस्तान से सटी अंतर्राष्ट्रीय सीमा को भी सीलबंद करने के आदेश दे दिए गए हैं।

पंजाब सरकार ने इस बीच घटना के संबंध में ठोस जानकारी देने वाले को 25 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

जेल अधिकारियों ने कहा कि पुलिस की वर्दी में आए हमलावरों ने सुबह करीब 9.30 बजे नाभा जेल की कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था में सेंध लगा दी। सुनियोजित हमले के दौरान 100 के करीब गोलियां चलीं।

इतनी गोलीबारी के बावजूद जेल में कोई भी घायल नहीं हुआ है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जेल में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने जवाबी गोलीबारी नहीं की, जिससे संदेह पैदा होता है।

जेल अधिकारियों ने पुलिस को बताया कि हमलावर बाहरी सुरक्षाकर्मियों को यह कहकर जेल परिसर में घुस गए कि वे एक कैदी को सत्यापन के लिए लाए हैं।

जेल से सुबह फरार हुए आतंकवादियों में मिंटू और एक अन्य आतंकवादी कश्मीर गलवाडी भी शामिल है। मिंटू को 2014 में गिरफ्तार किया गया था और उसके खिलाफ 10 मामले चल रहे हैं।

मिंटू कई बार पाकिस्तान जा चुका है और उसे कथित तौर पर इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से प्रशिक्षण मिला था।

फरार अन्य अपराधियों में गैंगस्टर विकी गोंडर, गुरप्रीत सेखोन, नीता देओल और विक्रमजीत भी शामिल हैं।

राज्य के उप-मुख्यमंत्री और गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा पंजाब पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने घटना के बाद नाभा जेल का दौरा किया।

बादल ने बताया कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) को निलंबित कर दिया गया है। उनके अलावा नाभा जेल के अधीक्षक और उप-अधीक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है।

सुखबीर सिंह बादल ने संवाददाताओं को बताया, “हमने डीजीपी (जेल) को निलंबित कर दिया है और जेल अधीक्षक तथा उपाधीक्षक को बर्खास्त कर दिया है।”

बादल ने कहा, “चिंता की कोई बात नहीं है। हम उन्हें पकड़ लेंगे। एक मुठभेड़ हो चुकी है। इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”

हथियारों से लैस करीब 10-12 हमलावर एक टोयोटा फॉर्च्यूनर एसयूवी सहित दो कारों से जेल परिसर में घुसे थे।

जेल सूत्रों ने बताया कि हमला 10 मिनट से भी कम समय तक चला और जेल के सुरक्षाकर्मी हमले को नाकाम करने में विफल रहे। हमलावरों ने जेल के सुरक्षाकर्मियों की एक एसएलआर (सेल्फ लोडिंग राइफल) भी छीन ली।

जेल सूत्रों के मुताबिक, जब कैदियों को सुबह के दैनिक कार्यो के लिए उनके बैरकों से बाहर लाया गया, तभी यह हमला हुआ।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने 9.0-9.30 बजे के बीच गोलियां चलने की आवाज सुनी।

जेल के करीब के गांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने पत्रकारों को बताया, “मैं अपनी मोटरसाइकिल से जा रहा था, तभी मैंने जेल के अंदर 2-3 कार देखे, जिसमें बैठे व्यक्तियों के पास हथियार थे। वे पुलिस की वर्दी में थे और हवा में गोलियां चला रहे थे।”

सुखबीर बादल ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से बात की और उन्हें फरार कैदियों और हमलावरों की तलाश के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराया।

पंजाब सरकार ने अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव जगपाल सिंह संधू से जेल की सुरक्षा में हुई चूक की जांच के लिए कहा है।

निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) एम. के. तिवारी की जगह अतिरिक्त महानिदेशक (रेलवे) रोहित चौधरी को नियुक्त किया गया है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह ने जेल तोड़ने में बादल सरकार की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा, “इस घटना से राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ी हालत का पता चलता है और साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले फिर से आतंकवाद के पनपने की आशंका बढ़ गई है।”

अमरिंदर ने कहा, “गैंगस्टर्स जिस प्रकार कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था वाली जेल में घुस गए और अन्य अभियुक्तों के साथ ही खालिस्तान समर्थक खूंखार आतंकवादी को छुड़ा ले गए, इससे ऊपरी स्तर पर मिलीभगत का पता चलता है।”

गौरतलब है कि पंजाब में दो महीने बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इस घटना को सुरक्षा में बड़ी चूक और खुफिया तंत्र की नाकामी के रूप में देखा जा रहा है।

पंजाब विधानसभा चुनाव में पहली बार उतर रही आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “इससे पता चलता है कि पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। पंजाब के गृह मंत्री को जेल तोड़कर कैदियों के फरार होने तथा पंजाब पुलिस द्वारा एक निर्दोष बच्ची की हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।”

–आईएएनएस