Banks crowded

बैंकों, एटीएम बूथों पर तीसरे दिन भी लगा हुजूम, नकदी गायब

नई दिल्ली, 12 नवंबर | बड़े नोट बंद किए जाने के बाद बैंक खुलने के तीसरे दिन शनिवार को भी पुराने नोट बदलवाने और नकदी निकासी के लिए बैंकों और एटीएम बूथों के बाहर लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं। 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को बदलने के लिए बैंक खुलने से घंटों पहले से ही लोगों की लंबी कतारें लगने लगीं।

घंटों कतारों में खड़े रहने के बाद बैंकों में नकदी की कमी और एटीएम में नोट न होने से मायूस लौट रहे लोगों में जबरदस्त गुस्सा देखा गया।

लोगों की परेशानी खत्म होती नहीं दिख रही और उन्हें दैनिक जरूरत के सामान खरीदने में भी मुश्किल हो रही है। कई लोगों ने तो यह भी शिकायत की कि दुकानदार सामानों की अधिक कीमत वसूलने लगे हैं।

मंगलवार को विमुद्रीकरण की घोषणा के बाद से ही लोग अलसुबह से ही बैंकों के बाहर कतारें लगाने लगी हैं।

देशभर में बैंकों के बाहर पुराने नोट हाथों में लिए खड़े लोगों में गुस्सा और झुंझलाहट बढ़ती ही जा रही है।

महीने का दूसरी शनिवार होने की वजह से सभी बैंकों में छुट्टी होती है, लेकिन सरकार ने शनिवार और रविवार को सभी बैंकों को खोलने के आदेश दिए हैं।

बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक सहित सभी बैंकों में लोगों की भीड़ लगी रही।

बैंकों के बाहर लोगों की सड़कों तक लगी लंबी कतारों की वजह से यातायात भी बाधित हुआ।

आईएएनएस के एक संवाददाता ने दक्षिणी दिल्ली के साकेत में सभी सरकारी और निजी बैंकों का जायजा लिया। हर बैंक के बाहर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। एटीएम में नोट न होने के कारण बूथों से लोग मायूस लौटते देखे गए।

साकेत निवासी शंकर ने निराश होते हुए कहा, “यह बिल्कुल सही नहीं है। इस तरह हम कैसे और कब बैंक जा पाएंगे।”

दक्षिण दिल्ली के गुलमोहर पार्क में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के बाहर भीड़ में झड़प शुरू होने की वजह से पुलिस बुलानी पड़ी।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में अनेक लोगों को अपने सप्ताहांत के कार्यक्रम रद्द कर बैंकों तथा एटीएम बूथों के बाहर कतारों में लगना पड़ा।

पेशे से कारोबारी चितरंजन शाह ने कहा, “हम सप्ताहांत पर परिवार के साथ किसी समुद्रतट तक की सवारी करने वाले थे। लेकिन हमने आखिरी समय में योजना रद्द कर दी, क्योंकि हमारे पास नकद रुपये नहीं बचे थे।”

एटीएम मशीनों में नकदी है ही नहीं। देशभर में नकदी निकासी के लिए इस्तेमाल होने वाली एटीएम मशीनों में नए नोटों के अनुरूप अभी बदलाव होने हैं।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी स्वीकार किया कि अभी इसमें देरी होगी, जो परेशानी को बढ़ाने वाला ही है।

जेटली ने कहा है कि देशभर की एटीएम मशीनों में नए नोटों के अनुरूप बदलाव करने में दो से तीन सप्ताह का समय लगेगा और यह एक धीमी प्रक्रिया है।

उधर जापान यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से धैर्य रखने की अपील की है और कहा है कि देशवासी इस फैसले से खुश हैं, लेकिन कुछेक लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि चेन्नई में एटीएम मशीनों से नकदी न मिलने पर कुछ लोगों ने एटीएम मशीनों पर ही अपनी गुस्सा निकाला।

एटीएम सेवा प्रदाता एक कंपनी के अध्यक्ष वी. बालासुब्रमण्यम ने आईएएनएस को बताया, “तोड़फोड़ के कारण करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और हमने बैंकों से इसके लिए मुआवजा मांगा है।”

देश के विभिन्न हिस्सों से कतारों में लगे लोगों के बीच लड़ाई झगड़े की खबरें भी हैं और कई जगह तो बैंक कर्मी भी इस गुस्से का शिकार हुए।

इस बीच नकदी की समस्या से जूझ रही आम जनता से दुकानदार भी अधिक कीमतें वसूल रहे हैं।

नोएडा की रहने वाली सरिता धर ने आईएएनएस से कहा, “10 रुपये में मिलने वाले बिस्किट का पैकेट मुझे 15 रुपये में खरीदना पड़ा। दुकानदार ने पैसे लौटाने से यह कहकर मना कर दिया कि उसके पास खुले पैसे नहीं हैं।”

सरित के पास 100 रुपये का नोट था और उन्हें पूरे 100 रुपये का सामान खरीदना पड़ा, वही भी अधिक कीमतों पर।

अधिक कीमत वसूलने के सवाल पर लाजपत नगर में एक दुकानदार ने कहा, “मेरी बिक्री कम हो गई है और थोक कीमतों में भी वृद्धि हुई है। मुझे घाटे की भरपाई तो करनी होगी। उसकी कीमत आखिर कौन अदा करेगा?”

देशभर में कारोबार में मंदा रहा तथा छोटे कारोबारियों का कहना है कि पिछले तीन दिनों में उनकी बिक्री 50 फीसदी से कम हो गई है।

पंजाब और हरियाणा में औद्योगिक क्षेत्रों में भी कामकाज प्रभावित हुआ है, क्योंकि कारोबारियों का कहना है कि उनके लेनदेन भी प्रभावित हुए हैं।

शनिवार बैंक खुलने का तीसरा दिन है। मंगलवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले के अगले दिन बुधवार को बैंकों को एक दिन के लिए और एटीएम बूथों को दो दिन बंद किया गया था। लेकिन इस दौरान किसी एटीएम में नोट नहीं डाला गया। एटीएम का लाभ लोगों को अब भी नहीं मिल रहा है। धनी लोग भी इस समय खुद को कंगाल महसूस कर रहे हैं।

इस बीच सरकार ने हर शहर में भीड़ को बेकाबू होते देख पुराने नोटों को रेल टिकट, पेट्रोल पंप वगैरह पर खपाने की समय सीमा 14 नवंबर की आधी रात तक कर दी है।

–आईएएनएस