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धोखाधड़ी से इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने में लिप्‍त दो व्यक्ति गिरफ्तार

जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (Directorate General of GST Intelligence ), गुरुग्राम जोनल यूनिट (Gurugram Zonal Unit) (जीजेडयू), हरियाणा ने दो व्‍यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम गुलशन ढींगरा (Gulshan Dhingra) निवासी रमेश नगर, नई दिल्‍ली और  संजय ढींगरा (Sanjay Dhingra )  निवासी पंजाबी बाग, नई दिल्ली है।

पत्र सूचना कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति   के अनुसार ये दोनों व्‍यक्ति 931 करोड़ रुपये मूल्‍य के कर योग्‍य फर्जी चालान रैकेट (fake invoices racket ) और विभिन्‍न कंपनियों की जटिल वेब श्रृंखला के माध्‍यम से 127 करोड़ रुपये की राशि के धोखाधड़ी पूर्ण ( fraudulently ) इनपुट टैक्स क्रेडिट  Input Tax Credit (ITC) का लाभ उठाने के कृत्‍य में लिप्‍त थे।

इनके नियंत्रण में कई कंपनियां हुई थीं और उन्होंने अपने कर्मचारियों/फर्जी व्यक्तियों के नाम पर अलग-अलग कंपनियां बनाई हुई थी।

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विज्ञप्ति   के अनुसार ये व्‍यक्ति फेरस/नॉन-फेरस स्क्रैप, सिल्लियां, निकल कैथोड आदि सामानों की वास्तविक आवाजाही के बिना ही नकली चालान बना रहे थे, जिससे जीएसटी चोरी के कारण सरकारी खजाने को घाटा पहुंचा रहे थे।

उन्होंने अपनी जीएसटी देयता के निर्वहन के लिए धोखाधड़ी पूर्ण ( fraudulently ) आईटीसी का लाभ उठाया और ऐसे धोखाधड़ी पूर्ण आईटीसी को आगे खरीदारों को पास कर दिया है।

उन खरीदारों ने इस इनपुट टैक्स क्रेडिट  (Input Tax Credit ) का सरकारी खजाने से धोखाधड़ी ( fraudulent) करने के उद्देश्‍य से अपनी बाहरी आपूर्ति के सापेक्ष इसका जीएसटी देयता का निर्वहन करने में उपयोग किया।

विज्ञप्ति   के अनुसार जांच के दौरान, इनके कर्मचारियों/फर्जी व्यक्तियों ने उपर्युक्त सामानों की आवाजाही की कोई जानकारी होने से इंकार किया।

इस प्रकार, गुलशन ढींगरा और संजय ढींगरा ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम (सीजीएसटी), 2017 की धारा 132 (1) (बी) और (सी) के प्रावधानों के तहत अपराध किए हैं, जो सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132 के तहत संज्ञेय,गैर-जमानती और दंडनीय अपराध हैं।

इसके परिणामस्‍वरूप  गुलशन ढींगरा और  संजय ढींगरा को 07 अक्टूबर, 2019 को सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया ।

विज्ञप्ति   के अनुसार गुलशन ढींगरा और  संजय ढींगरा को  उसी दिन गुरुग्राम कोर्ट में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 19 अक्टूबर, 2019 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में आगे जांच जारी है।