विहिप द्वारा धर्मांतरण की जांच के लिए आयोग की मांग

विश्व हिन्दू परिषद्  (विहिप) ने केंद्र सरकार से यह मांग की है कि सर्वोच्च न्यायालय के सेवा निवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में नियोगी कमीशन जैसा एक जांच आयोग बनाया जाए जो मदर टेरेसा व अन्य मिशनरियों द्वारा स्थापित संस्थाओं की विस्तृत जांच कर इनके विदेशी फंडिंग, आतंकी संगठनों से सम्बन्ध, हिन्दुओं के प्रति घृणास्पद साहित्य के निर्माण, ननों तथा बच्चों से दुष्कर्म तथा बच्चों के अवैध व्यापार जैसे मामलों की गहन जांच करे।

विहिप ने नई दिल्ली में हाल ही में जारी एक वक्तव्य में यह भी मांग है कि पर्यटन वीसा पर भारत आकर धर्मांतरण या धर्म प्रचार में लिप्त विदेशी पर्यटकों का वीसा रद्द कर उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।

विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डाॅ. सुरेन्द्र जैन ने केंद्र सरकार से चर्च, पादरियों तथा उनके द्वारा संचालित तथाकथित अनाथ आश्रम इत्यादि में पादरियों द्वारा बच्चों व ननों का शोषण किए जाने पर अबिलम्ब अंकुश लगाने की मांग की है।

विश्व हिन्दू परिषद् का कहना है कि मदर टेरेसा द्वारा स्थापित आश्रमों में अवैध गतिविधियों की आशंका है। गत कुछ वर्षों से भारत में पादरियों के दुष्कर्मों की संख्या में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई है।

वक्तव्य में कहा गया है कि कुछ दिन पूर्व ही एक नन ने पाँच पादरियों पर आरोप लगाया है कि वे कई वर्षों से उसका यौन शोषण कर रहे थे। ‘कन्फैशन बॉक्स’ में विवाह पूर्व संबंधों की स्वीकृति के बाद से उस नन को ब्लैक मेल कर ये उसके साथ लगातार दुष्कर्म करते रहे। पीड़ितों द्वारा इसकी शिकायत चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों से किए जाने पर भी उसे लगातार अनसुना किया जाता रहा। दुष्कर्म पीडिता कुछ ननें तो आत्मह्त्या तक कर चुकी हैं।