वीरभद्र ने विधानसभा शीतकालीन सत्र से पूर्व की विकास योजनाओं की बौछार

शिमला, 19 दिसंबर (जस)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला में आयोजित होने वाले शीतकालीन सत्र से पूर्व कांगड़ा जिला के ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के अनेकों स्थानों पर 17 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व शुभारम्भ किया।

मुख्यमंत्री ने एक-एक करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सिहोरबल्ला तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नाहलियां के अतिरिक्त भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने हाल ही में स्तरोन्नत मझीन वेटनरी अस्पताल के भवन का उदघाटन किया तथा मझीण में उप-तहसील का शुभारम्भ भी किया।

उन्होंने 1.12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किए जाने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मझीन के साईंस खंड का शिलान्यास किया। उन्होंने पांच करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले मझीण कॉलेज भवन का शिलान्यास तथा हाल ही में स्तरोन्नत किए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मझीन का उदघाटन भी किया।

वीरभद्र सिंह ने 1.62 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सुधांगल  लुथान में उठाऊ पेयजल योजना का शुभारम्भ किया साथ ही 3.60 करोड़ रुपये की लागत से उठाऊ पेयजल योजना कमलोटा-कोहाला तथा 2.60 करोड़ रुपये की लागत वाली बडोली सिंचाई योजना शिलान्यास किया।

इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के मझीन में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछड़े एवं दूरदाज क्षेत्रों का विकास सरकार की प्राथमिकता है तथा इन क्षेत्रों में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर विशेष बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी के चंगर क्षेत्रों में दो कॉलेज खोले गए हैं जिनसे इस दुर्गम क्षेत्र के विद्यार्थियों को विशेषकर लड़कियो को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गत चार वर्षों के दौरान प्रदेश में 1721 किलोमीटर नई सड़कों व 180 पुलों का निर्माण किया गया तथा 276 गावों को सड़कों से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान 3491 किलोमीटर सड़कों पर क्रास ड्रेनेज बिछाई गई तथा 3268 किलोकीटर सड़कों को पक्का किया गया।

उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों के दौरान नाबार्ड के तहत 1052.63 करोड़ रुपये की लागत की 301 परियोजनाएं स्वीकृत की गई, जिसके तहत अन्तर्गत 495 किलोमीटर सड़कों, 87 पुलों का निर्माण किया गया और 683.16 करोड़ रुपये की 174 परियोजनाएं स्वीकृति हेतु प्रेषित की गईं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सड़क योजना में सभी ग्रामों, बस्तियों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए 50 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।