उत्तराखंड में मंगलवार को शक्ति परीक्षण का आदेश

नई दिल्ली, 6 मई  | सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत के शुक्रवार के इस आदेश से राज्य के अपदस्थ मुख्यमंत्री हरीश रावत को विधानसभा में बहुमत साबित करने का एक अवसर मिला है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि कांग्रेस के नौ बागी अयोग्य ठहराए गए विधायकों को मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं होगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह मतदान प्रक्रिया पर नजर रखेगी, जो मंगलवार को पूर्वाह्न् 11 बजे होगी। साथ ही कहा है कि राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा की पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी होगी।

सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वागत किया है। ऐसा समझा जाता है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान राष्ट्रपति शासन नहीं रहेगा। विधानसभा की सम्पूर्ण कार्यवाही विधानसभा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की निगरानी में संचालित होगी।

एक अन्य जानकारी के अनुसार संभवतः पहली बार ऐसा होगा जब मतदान के समय पक्ष और विपक्ष के लोग अलग-अलग जगहों पर खड़े होंगे।

हरीश रावत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तराखण्ड में लोकतंत्र के साथ फरेब किया है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी किसी विधायक को खरीदने की कोशिश की है और न ही किसी विधायक का मूल्य लगाया है।

रावत ने सीबीआई की नोटिस की चर्चा करते हुए कहा कि मैंने आज ही सीबीआई का समन रिसीव किया है लेकिन इसकी ‘टाइमिंग’ पर मुझे ऐतराज है। हम सीबीआई को पूरी तरह सहयोग करेंगे लेकिन इससे सीबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।-आईएएनएस /जनसमा

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