एक अच्छे आदमी की बुरी पत्नी है सोनिया गांधी

नई दिल्ली, 9 जनवरी, (हि.स.)। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रीराम भक्त बताते हुए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बुरी पत्नी करार दिया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में शनिवार को “श्रीराम जन्मभूमि मंदिर-उभरता परिदृश्य ” नामक विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करने के बाद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने एक बार उनसे कहा था कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनना चाहिए और उन्होंने मंदिर निर्माण में पूरा सहयोग करने की बात भी कही थी। साथ ही वह देश में राम राज्य भी लाना चाहते थे। यही वजह थी कि फैजाबाद में राजीव गांधी ने अपने चुनाव अभियान के दौरान राम राज्य की बात कही थी।
स्वामी के मुताबिक राजीव गांधी ने ही अयोध्या में ताला खुलवाकर वहां शिलान्यास कराया था और दूरदर्शन पर रामायण सीरियल के प्रसारण की अनुमति भी दी थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा भाजपा नेता स्वामी ने कहा कि एक अच्छे आदमी की बुरी पत्नी भी हो सकती है। सोनिया गांधी कट्टर ईसाई महिला है और एक अच्छे आदमी की बुरी पत्नी है।
स्वामी के मुताबिक अमेरिका में हुई एक रिसर्च में यह साफ हो चुका है की भारत में रहने वाले मुस्लिमों और हिन्दुओं का डीएनए एक जैसा ही है, क्योंकि इस देश के मुस्लिमों के पूर्वज भी हिंदू थे। उन्होंने कहा कि धर्म अलग होने से संस्कृति अलग नहीं हो सकती।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इंडोनेशिया में रहने वाले मुस्लिम भारतीय संस्कृति का ही पालन करते हैं। उन्होंने सवाल किया कि श्रीराम मंदिर का विरोध करने वाले अब बताये कौन है असहिष्णु ?
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले जो लोग असहिष्णुता पर छाती पीट रहे थे, वह ही अब मंदिर का विरोध कर रहे हैं। लेकिन देश देख रहा है कि कौन असहिष्णु है और कौन नहीं।
उन्होंने कहा कि वह विरोध करने वालो से नहीं डरतें। मंदिर का विरोध करने वालों ने उनका काम और आसान कर दिया है। अगर यह लोग विरोध नहीं करते तो लोगों को मंदिर की सच्चाई के बारे में पता ही नहीं चल पाता।
जानकारी हो कि दिल्ली विश्वविद्यालय में शनिवार को “श्रीराम जन्मभूमि मंदिर-उभरता परिदृश्य ” नामक विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन अरूंधती वशिष्ठ अनुसंधान पीठ (एवीएपी) की ओर से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देश भर के जानेमाने इतिहासकार, पुरातत्वविद तथा विधि विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं I