प्रवासी भारतीयों के साथ मोदी सरकार के संपर्क बहुत गहरे

नई दिल्ली, 9 जनवरी । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक बार फिर से प्रवासी भारतीयों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए नए स्तर पर कार्य शुरु किया है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रवासी भारतीयों के साथ संपर्क बहुत गहरे हो गए हैं।
युद्धग्रस्त देशों में फंसे प्रवासी भारतीयों को निकालने सम्बन्धी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रवासी भारतीयों से कौशल भारत, डिजिटल इंडिया, नमांमि गंगा सहित अन्य फ्लैगशिप कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 9 जनवरी, 2016 को नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए। फोटोःआईएएनएस
राजधानी दिल्ली में आयोजित चौदहवें प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के दौरान शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नेतृत्व वाली राजग सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरु हुए प्रवासी दिवस समारोह के माध्यम से काफी सफल तरीके से अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के साथ संपर्क बना रहा है।
समारोह के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने युद्धगस्त देशों में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए केन्द्र सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि गत उन्नीस माह के दौरान यूक्रेन, लीबिया, इराक और यमन जैसे युद्धग्रस्त देशों में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए शुरु किए गए आपातकालीन राहत कार्य के दौरान चुनौतियां काफी बढ़ गई थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी लगातार अपनी नजर रखे रहे I
याद रहे गत उन्नीस जून को यूक्रेन में भड़की हिंसा के कारण करीब एक हजार छात्र फंस गए थे। ठीक उसके पांच दिन बाद इराक में हिंसा भड़क उठी। लेकिन केन्द्र सरकार ने तुरंत ही उचित कार्रवाई शुरु की, जिसके बाद इन देशों में फंसे करीब 3,500 लोगों को निकालने में हम सफल हुए।
विदेश राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के लोगों और भारतीयों के साथ संबंधों को और विस्तारित करने को लेकर विदेश मंत्रालय प्रत्यनशील है। विदेशों में रह रहे भारतीयों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए आज के दिन केन्द्र सरकार की सभी मिशन प्रवासी भारतीयों पर लक्षित हैं।
जानकारी हो कि 9 जनवरी 1915 को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका के प्रवास के बाद स्वदेश लौटे थे। इस उपलक्ष्य पर विदेश और प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय द्वारा वर्ष 2003 से देश के विभिन्न शहरों में प्रवासी दिवस समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। समारोह का उद्देश्य विश्व के 110 से भी अधिक देशों में रहने वाले करोडों भारतीय मूल के लोगों और भारत के लोगों के बीच संबंध स्थापित करने के साथ उन्हें देश में निवेश करने तथा देश के सामाजिक-आर्थिक विकास से संबद्ध होने के लिए प्रेरित करना है।