कृषि क्षेत्र

कृषि में निजी क्षेत्र का निवेश संतोषजनक नहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा

नई दिल्ली,12 दिसंबर।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कृषि में निजी क्षेत्र का निवेश संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला, शीत भंडार गृह और उर्वरक जैसे क्षेत्रों आदि में निजी क्षेत्र की रुचि और निवेश, दोनों की जरूरत है।

प्रधानमंत्री मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फिक्की की 93वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन में उद्घाटन भाषण दे रहे थे।

मोदी ने कहा कि देश के एग्रीकल्चर सेक्टर को मजबूत करने के लिए बीते वर्षों में भारत में तेजी से काम किए गए हैं। आज भारत का Agricultural सेक्टर पहले से कहीं अधिक Vibrant हुआ है।

उन्होंने कहा कि  मंडियों का आधुनिकीकरण तो हो ही रहा है, किसानों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फसल खरीदने-बेचने का भी विकल्प दिया है।

मोदी ने कहा कि ग्रामीण कृषि आधारित उद्योगों में बहुत बड़ी संभावनाएं हैं और इसके लिए एक अनुकूल नीतिगत व्यवस्था मौजूद है।

प्रधानमंत्री ने किसानों और कृषि क्षेत्र की मदद के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से चर्चा की।

मोदी ने कहा, “सरकार नीति और नीयत के जरिए किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।”

कृषि क्षेत्र में बढ़ती जीवंतता को रेखांकित करते हुए,  मोदी ने मंडियों के बाहर अपनी उपज बेचने, मंडियों के आधुनिकीकरण और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर उपज बेचने के विकल्प समेत किसानों को उपलब्ध नए विकल्पों के बारे में बात की।

उन्होंने कहा कि इन सब का लक्ष्य किसान को समृद्ध बनाना है क्योंकि समृद्ध किसान का मतलब समृद्ध राष्ट्र है।

ग्रामीण, अर्ध-ग्रामीण और श्रेणी-2 और श्रेणी-3 शहरों में हो रहे सकारात्मक बदलावों का मजबूती से पक्ष लेते हुए, प्रधानमंत्री ने व्यवसाय और उद्योग जगत के वरिष्ठ प्रमुखों को ऐसे क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या शहरों से अधिक हो गयी है और भारत के आधे से ज्यादा स्टार्टअप श्रेणी-2 और श्रेणी-3 शहरों में हैं।

सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट के लिए हाल ही में स्वीकृत पीएम-वाणी का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उद्यमियों को ग्रामीण कनेक्टिविटी प्रयासों में भागीदार बनना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा, “यह निश्चित है कि 21 वीं सदी में, भारत का विकास गांवों और छोटे शहरों द्वारा संचालित होगा और आप जैसे उद्यमियों को गांवों और छोटे शहरों में निवेश करने का अवसर नहीं खोना चाहिए। आपका निवेश ग्रामीण और कृषि क्षेत्रों में हमारे भाइयों और बहनों के लिए नए दरवाजे खोलेगा।”