Sarbananda Sonowal

चेन्नई-व्लादिवोस्तोक ‘पूर्वी समुद्री गलियारे’ के लिए बैठक

वैकल्पिक व्यापार रूट के रूप में चेन्नई-व्लादिवोस्तोक मार्ग को शुरु करने हेतु ‘पूर्वी समुद्री गलियारे’ के लिए हितधारकों की बैठक में भाग लेने के लिए सर्बानंद सोनोवाल आज सोमवार को रूस रवाना होगये हैं।
नई दिल्ली, 11 सितम्बर। केंद्रीय पत्तन,पोत परिवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल पूर्वी आर्थिक मंच में भारत का प्रतिनिधित्व करने हेतु रूस के लिए रवाना हुए, जो रूसी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में आयोजित किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री, रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक के विकास मंत्री एलेक्सी चेकुनकोव तथा रूस के परिवहन मंत्री विटाली सेवलीव के साथ-साथ अन्य लोगों से भी मुलाकात करेंगे। जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक, व्यापार और लॉजिस्टिकल सहयोग को प्रोत्साहन देना है।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा, “यह वास्तव में बड़े सम्मान और जिम्मेदारी की बात है कि मुझे प्रतिष्ठित पूर्वी आर्थिक मंच में हमारे महान देश का नेतृत्व करने का अवसर मिला है।
सोनोवाल ने कहा कि भारत-रूस संबंधों में इस नए उत्साह को देखते हुए, हम रूस में व्लादिवोस्तोक के ऐतिहासिक बंदरगाह शहरों और भारत में चेन्नई के बीच एक वैकल्पिक व्यापार मार्ग विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मेरा मानना ​​है कि मेरी यात्रा और रूस के नेताओं के साथ बैठकों के दौरान, हम दोनों देशों के बीच रणनीतिक, व्यापार और लॉजिस्टिक सहयोग को बढ़ावा देने के साथ ही इस महत्वपूर्ण उद्यम में प्रगति करने में सक्षम होंगे।
सोनोवाल पूर्वी आर्थिक मंच पर भारत-रूस व्यापार वार्ता को संबोधित करेंगे, जहां वह भारत व रूस के बीच विशिष्ट और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी में स्थिरता को बढ़ावा देने में व्यापार, वाणिज्य और व्यापार की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करेंगे।
भारत के पोत परिवहन मंत्री पूर्वी समुद्री गलियारे पर सत्र में भी अपनी बात रखेंगे, साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की संभावनाओं पर रूसी संघ के वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे, जिसमें उत्तरी समुद्री मार्ग की संभावनाएं तलाशना और बंगाल की खाड़ी में ट्रांस शिपमेंट हब की स्थापना करना शामिल है।
पूर्वी समुद्री गलियारे का उद्देश्य हमारे देशों के बीच कार्गो ट्रांजिट समय को कम करना है। भारतीय बंदरगाहों से रूसी सुदूर पूर्व तक की यात्रा में केवल 24 दिन लगते हैं, जबकि नोवोरोस्सिएस्क बंदरगाह से 30 दिन का समय लगता है। यह गलियारा भारत व रूस दोनों के लिए व्यापार और सहयोग के नए अवसरों को खोलने की अपार क्षमता रखता है।

पूर्वी आर्थिक मंच 2023 के बारे में:

आठवां पूर्वी आर्थिक मंच 2023 का आयोजन 10 से 13 सितंबर 2023 तक व्लादिवोस्तोक के सुदूर पूर्वी संघीय विश्वविद्यालय (एफईएफयू) परिसर में हो रहा है। पूर्वी आर्थिक मंच रूसी और वैश्विक निवेश समुदायों के बीच संबंधों को स्थापित और मजबूत करने के लिए तथा रूसी सुदूर पूर्व की आर्थिक क्षमता, इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले निवेश के अवसरों और उन्नत विशेष आर्थिक जोन में व्यावसायिक स्थितियों के व्यापक विशेषज्ञ मूल्यांकन के लिए एक प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मंच है।

पूर्वी आर्थिक मंच की स्थापना रूस के सुदूर पूर्व के आर्थिक विकास को सहयोग करने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 2015 में रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश द्वारा की गई।