Chhattisgarh urges Center not to implement biometrics

छत्तीसगढ़ ने बायोमेट्रिक लागू न करने का केंद्र से किया आग्रह

छत्तीसगढ़ सरकार ने बायोमेट्रिक को लागू न करने का किया आग्रहराज्य की विषम भौगोलिक स्थिति के चलते किसानों को होने वाली परेशानी से कराया अवगत

रायपुर, 10 सितंबर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की विषम भौगोलिक स्थिति के चलते सुदूर एवं दुर्गम अंचलों के किसानों को बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू होने से धान बेचने में होने वाली परेशानी को देखते हुए केन्द्र सरकार से बायोमेट्रिक सिस्टम को इस वर्ष लागू किए जाने का अनुरोध किया है।

केन्द्र सरकार ने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 से खाद्यान्न उपार्जन में बायोमेट्रिक सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। इस सिस्टम को छत्तीसगढ़ राज्य के वनांचल और पहाड़ी क्षेत्रों में सुव्यवस्थित रूप से लागू करने में होने वाली दिक्कत के चलते किसानों को समर्थन मूल्य पर धान और मक्का बेचने में परेशानी होगी।

छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने भारत सरकार के खाद्य सचिव को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ प्रदेश में बायोमेट्रिक आधारित खरीफ प्रणाली को लागू करने के कारण किसानों को होने वाली कठिनाईयों का उल्लेख किया है।

उन्होंने कहा है कि राज्य के बस्तर एवं सरगुजा क्षेत्र के दूरस्थ एवं पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इस इलाके के कई स्थानों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा की कमी के चलते बायोमेट्रिक आधारित खाद्यान्न उपार्जन प्रणाली को लागू करने में दिक्कत होगी।

खाद्य सचिव वर्मा ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि छत्तीसगढ़ राज्य में धान खरीदी के पूर्व किसानों का पंजीयन किया जाता है। पंजीयन में किसान का आधार नंबर भी होता है। किसानों की भूमि के रकबे का सत्यापन भी ‘भुईयां’ सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाता है। धान खरीदी के एवज में राशि का ऑनलाईन भुगतान किसानों के बैंक खातों में होता है। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की व्यवस्था पूरी तरह से पारदर्शी और देश में सर्वश्रेष्ठ है।

उन्होंने भारत सरकार को खाद्य सचिव से छत्तीसगढ़ राज्य की उक्त परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बायोमेट्रिक खरीदी सिस्टम को अनिवार्य न करने का अनुरोध किया है। 

खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा द्वारा 21 जुलाई 2023 को उक्त संबंध में भेजे गए पत्र के संबंध में केन्द्र सरकार से अब तक न तो सहमति मिली है न ही बायोमेट्रिक आधारित खरीदी सिस्टम में रियायत दिए जाने का भरोसा दिया गया है।

धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा बायोमेट्रिक सिस्टम की अनिवार्यता का अन्य कोई विकल्प न होने के कारण छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में इस प्रणाली को लागू किए जाने की प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं और इस संबंध में सभी कलेक्टरों को विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।