धर्म, जाति, समुदाय, नस्ल या भाषा के नाम पर वोट मांगने संबंधी फैसले का स्वागत

नई दिल्ली, 02 जनवरी । राजनीतिक पार्टियों द्वारा धर्म, जाति, समुदाय, नस्ल या भाषा के नाम पर वोट मांगने पर सर्वोच्च न्यायालय के रोक लगाने के फैसले का विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने स्वागत किया है। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डा सुरेन्द्र जैन ने निर्णय को अभूतपूर्व बताते हुए कहा है कि जाति, समुदाय तथा धर्म के आधार पर राजनीति से देश का बहुत नुकसान हुआ है। यहाँ तक कि इससे अनेक बार राष्ट्रीय अखण्डता को भी नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय से तुष्टिकरण के आधार पर की जाने वाली वोट बैंक की राजनीति पर जो आघात हुआ है उसके दूरगामी परिणाम होंगे और यह फैसला राष्ट्र निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि अब इस फैसले के अक्षरस: पालन कराने की बड़ी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है। हम भारत के चुनाव आयोग से अपील करते हैं कि जो भी राजनेता या दल इस आदेश या इसके किसी भाग का पालन नहीं करते, उनकी चुनावी मान्यता को अविलम्ब रद्द कर दिया जाए।

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि जाति, समुदाय, धर्म तथा भाषा के नाम पर वोट मांगना अवैध है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर के नेतृत्व में एक संवैधानिक पीठ ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (3) के आधार पर 4:3 के बहुमत से फैसले के आदेश को पारित किया।