Patna Book Fair

पटना पुस्तक मेले में डिजिटल भुगतान की सुविधा, बिक्री बढ़ी

पटना, 7 फरवरी | बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित 23वें पुस्तक मेले में अगर आप बिना नकद पैसे के साथ भी जा रहें हैं, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आप वहां क्रेडिट कार्ड, डेबिट कॉर्ड या पेटीएम से भी भुगतान कर किताबें खरीद सकते हैं। यहीं नहीं कुछ प्रकाशकों ने किताबों की ‘होम डिलिवरी’ की भी सुविधा प्रदान की है। इन्हीं वजहों से इस साल किताबों की बिक्री भी बढ़ गई है।

सेंटर फ ॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित पटना पुस्तक मेले में साहित्य, संस्कृति, स्त्री विमर्श से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक की किताबें पाठकों को लुभा रही हैं।

मेले में यह भी व्यवस्था की गई है कि पुस्तक प्रेमियों को हर तरह की किताबें एक ही जगह उपलब्ध हो जाएं। इस बार का पुस्तक मेला खासकर बच्चों को समर्पित है। मेला में स्कूली बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा दी गई है और साथ ही उनके लिए खास तरह की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गई हैं। यह मेला चार फरवरी को शुरू हुआ, जो 14 फरवरी तक चलेगा।

प्रभात प्रकाशन के राजेश शर्मा आईएएनएस से कहते हैं, “पुस्तक मेले में प्रकाशकों पर नोटबंदी का कोई खास असर नहीं हैं, क्योंकि करीब 70 प्रतिशत खरीदारी पेटीएम और डेबिट, क्रेडिट कार्ड से ही हो रही हैं। इससे व्यवसाय पर कोई असर नहीं पड़ा है। हलांकि कभी-कभी सर्वर डाउन जैसी तकनीकी दिक्कतों के चलते परेशानी होती है।”

पुस्तक मेले में आए युवाओं को भी कॉर्ड से भुगतान करने में ज्यादा आसानी हो रही है। मेले में आए युवाओं का कहना है कि नकद रखने से बेहतर है कि कार्ड और डिजिटल माध्यमों से खरीदारी की जाए। इसी वजह से मेले में आने वाले ज्यादातर पुस्तक प्रेमी कैशलेस होने पर भी किताबें खरीद रहे हैं।

पटना विश्वविद्यालय की छात्रा अर्चना कहती हैं कि नकद नहीं होने के कारण कई बार बिना पुस्तक खरीदे लौटना पड़ता था, परंतु इस वर्ष कैशलेस सुविधा होने से परेशानी कम हुई है। उन्होंने बताया कि 50 रुपये की किताब लेने पर भी कॉर्ड से भुगतान स्वीकार किए जा रहे हैें।

वाणी प्रकाशन के विनोद पुगलिया कहते हैं कि डिजिटल भुगतान की सुविधा देने से पुस्तकों की बिक्री बढ़ गई है। अब ग्राहकों के पास नकद नहीं होने पर भी उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है।

उधर, राजकमल प्रकाशन ने तो पुस्तक प्रेमियों के लिए ‘होम डेलवरी’ तक की सुविधा प्रदान की है। प्रकाशन के अलिंद महेश्वरी ने कहा, “लगभग सभी प्रकाशकों द्वारा सभी तरह के कॉर्ड स्वीकार किए जा रहे हैं। अगर आपके पास कोई कार्ड भी नहीं है, तब भी आप अपना ‘ऑर्डर’ और पता लिखा दें, आपके घर पर पुस्तक भेजे दी जाएगी।”

इस पुस्तक मेला में 300 से ज्यादा प्रकाशक भाग ले रहे हैं।    –आईएएनएस

(फाइल फोटो)