बाड़मेर रिफाइनरी

बाड़मेर रिफाइनरी राजस्थान और विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र के लोगों का बड़ा सपना

 

बाड़मेर रिफाइनरी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 जनवरी, 2018 को बाड़मेर रिफाइनरी, राजस्थान में प्रदर्शनी को देखते हुए। इस अवसर पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी दिखाई दे रही हैं।

जयपुर, 4 नवम्बर। बाड़मेर  रिफाइनरी राजस्थान और विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र के लोगों का एक बड़ा सपना है, जिसके साकार होने से राज्य के आर्थिक विकास नई बुलंदियों को छुएगा।यह बात राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीडियो माध्यम से आयोजित परियोजना की समीक्षा बैठक में मंगलवार 3 नवंबर को कही।

गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार इस परियोजना को समय पर पूरा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बाड़मेर रिफाइनरी एचपीसीएल (74% स्टेक के मालिक) और राजस्थान सरकार (26% दांव के मालिक) के बीच एक संयुक्त उद्यम के स्वामित्व में है।
प्रोजेक्ट के निर्माण पर 4700 करोड़ रूपए से अधिक का व्यय हो चुका है और विभिन्न निर्माण सामग्री के लिए 23 हजार करोड़ रूपए से अधिक के कार्यादेश दिए जा चुके हैंं।

बाड़मेर रिफाइनरी के कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 16 जनवरी, 2018 को राजस्‍थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा में  किया था। उस समय राजस्‍थान की मुख्‍यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे थीं।

बाड़मेर रिफाइनरी परियोजना की आधारशिला 22 सितंबर 2013 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रखी थी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को प्रोजेक्ट के निर्माण कार्याें में तेजी लाने के लिए परियोजना की सहभागी कम्पनी हिन्दुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) के साथ सभी स्तर पर पूरा सहयोग करने के निर्देेश दिए।
 दो घण्टे से अधिक चली बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से एचपीसीएल कम्पनी की सभी आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा। सरकार इस परियोजना को हर हाल में तय समय पर पूरा करना चाहती है। ऎसा तभी संभव हो पाएगा, जब कम्पनी और सरकार एक-दूसरे के पूरक के रूप में कार्य करें।
जयपुर मेट्रो प्रोजेक्ट की तर्ज पर पूरा होगा रिफाइनरी का काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजस्थान रिफाइनरी को पूरी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता के आधार पर पूरा करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पिछले कार्यकाल में जयपुर मेट्रो प्रोजेक्ट को समयबद्ध रूप से पूरा किया गया था। रिफाइनरी की तय समय पर स्थापना के लक्ष्य को भी उसी की तर्ज पर हासिल किया जाएगा।
बाड़मेर रिफाइनरी परियोजना की नियमित मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय के स्तर पर की जाएगी। इससेे रिफाइनरी के विषय में सरकार के विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल के साथ ही अन्तर्विभागीय मुद्दों का त्वरित समाधान हो सकेगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय से हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के अधिकारियों के साथ भी समन्वय किया जाएगा और सरकार तथा कम्पनी की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे।
गहलोत ने प्रसन्नता जाहिर की कि अभी तक परियोजना के निर्माण कार्य अपेक्षा से अधिक तेज गति से हुए हैं। कोविड-19 महामारी के कारण दुनियाभर में अलग-अलग समय पर लॉकडाउन जैसी स्थितियों के कारण इस काम में बाधाएं आईं।
उन्होंने कहा कि फिर भी रिफाइनरी का काम लक्ष्य के अनुरूप ही आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को रिफाइनरी के काम में उनकी भूमिका के विषय में पूरा सहयोग देने के निर्देश दिए, ताकि परियोजना के निर्माण कार्यों की गति बनी रहे।
मुख्यमंत्री ने हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के अधिकारियों से परियोजना क्षेत्र के गांवों में अपेक्षित विकास कार्यों में भी गति लाने को कहा ताकि स्थानीय लोगों का परियोजना के साथ लगाव बढ़े और स्थानीय समुदाय इस प्रोजेक्ट के सहभागी बने।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के निवासियों के लिए बाड़मेर रिफाइनरी एक बड़ा सपना है, जिसके लिए उन्होंने बहुत लम्बा इंतजार और संघर्ष किया है।
हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मुकेश सुराणा ने बताया कि कोविड-19 महामारी का रिफाइनरी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्याें पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
मार्च में महामारी से ठीक पहले 3800 लोग निर्माण कार्यों में जुटे थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान काम बंद करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में परियोजना की स्थापना के कार्याें में और तेजी लाकर समय के अंतराल को पूरा करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस प्रोजेक्ट पर लगभग 5200 लोग काम कर रहे हैं और आने वाले तीन माह में इनकी संख्या 10 हजार से अधिक हो जाएगी।
बाड़मेर रिफाइनरी परियोजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  शेखर गायकवाड़ ने रिफाइनरी परियोजना की विशेषताओं, कोविड-19 के असर, निर्माण कार्यों की वर्तमान स्थिति तथा भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
गायकवाड़ ने बताया कि परियोजना पर महामारी के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है और शीघ्र ही इस विषय में एक रिपोर्ट राज्य सरकार के साथ साझा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट साइट पर अधिकारियों और कार्मिकों सहित कुल 73 लोग कोरोना से संक्रमित हुए और सभी ठीक भी हो गए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से जुड़े हैल्थ प्रोटोकॉल की पूरी पालना की जाती है तथा वहां काम कर रहे लोगों को समय-समय पर संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक भी किया जाता है।
बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों ने भी भाग लिया।