मध्यप्रदेश में श्रम कानूनों में किए गए बदलाव की हो रही प्रशंसा

भोपाल, 2 मई (जनसमा)। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किये गये बदलाव की केन्द्र और अन्य राज्यों ने सराहना की है। केन्द्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने श्रमिक दिवस पर दिल्ली में मध्यप्रदेश में श्रम कानून में किये गये बदलाव की प्रशंसा की है। दत्तात्रेय ने कहा कि मध्यप्रदेश में लगभग 20 श्रम कानून में संशोधन कर इन्हें निवेशक एवं श्रमिक हितैषी बनाया गया है।

मध्यप्रदेश सरकार ने श्रम कानूनों में प्रक्रियाओं और प्रावधानों को सुविधाजनक बनाने के लिये वालिंटियरी कम्प्लाएंस स्कीम अक्टूबर, 2014 से लागू की है। इसमें 13 केन्द्रीय और 3 राज्य के श्रम कानून प्रक्रियाओं और प्रावधानों को सुविधाजनक बनाया गया है। इन 16 श्रम कानून में 61 के स्थान पर 1 रजिस्टर रखने और 13 रिटर्न के स्थान पर मात्र 2 वार्षिक रिटर्न का प्रावधान किया गया है।

वर्ष 2015 में किये गये संशोधनों में मध्यप्रदेश दुकान एवं स्थापना अधिनियम औद्योगिक नियोजनों (स्थायी आदेश) अधिनियम, श्रम कल्याण निधि अधिनियम, कारखाना अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार नियोजन तथा सेवा शर्तों का विनियमन, मोटर परिवहन कर्मकार अधिनियम, अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी कर्मकार नियोजन का विनियमन एवं सेवा शर्तें, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, समान पारिश्रमिक अधिनियम, श्रम विधि (विवरणी देने और रजिस्टर रखने से कतिपय स्थापनाओं को छूट) अधिनियम, न्यूनतम वेतन अधिनियम, वेतन भुगतान अधिनियम, विक्रय सेवा शर्तें, संविदा श्रम (विनियम एवं समाप्ति) अधिनियम आदि अधिनियम में हुए संशोधन शामिल हैं।