मप्र : सहकारी साख समितियों में पात्र कृषकों की संख्या लगभग 69 लाख हुई

मप्र : सहकारी साख समितियों में पात्र कृषकों की संख्या लगभग 69 लाख हुई

भोपाल, 22 सितंबर (जस)। राज्य सहकारी बैंकों की वित्तीय सुदृढ़ता को लेकर मध्यप्रदेश शासन ठोस कदम उठाने की ओर अग्रसर है। सहकारी साख समितियों में पात्र कृषकों की संख्या लगभग 69 लाख हो गई है। इनमें से 23 लाख किसानों के मोबाइल नम्बर भी हैं। बैंक की अंशपूँजी 471 करोड़ से बढ़कर 515 करोड़ 81 लाख हो गई है। यह जानकारी मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक के प्रशासक मनीष श्रीवास्तव ने बैंक के वार्षिक सम्मेलन में दी।

मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि सहकारी बैंकों को सुदृढ़ बनाने के लिये सरकार सुनियोजित नीति बना रही है। नीति के तहत पैक्स से लेकर शीर्ष सहकारी संस्थाओं के मौजूदा स्वरूप में व्यापक परिवर्तन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विश्वास सारंग के नेतृत्व में इस दिशा में कार्य-योजना बनाने के लिये दो दिवसीय मंथन कार्यक्रम हुआ। मंथन में सहकारिता से जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर गहन विचार-विमर्श के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर ली गई है जिसका समय-सीमा में क्रियान्वयन किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये किसानों को शून्य प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध करवाया गया है। प्राकृतिक आपदा में मुख्यमंत्री के निर्देश पर खरीफ फसल के लिये दिये गये अल्पकालीन ऋण 5000 करोड़ को मध्यकालीन ऋणों में परिवर्तित किया गया जिससे 10 लाख 43 हजार किसान लाभान्वित हुए।

श्रीवास्तव ने कहा कि इसके लिये राज्य शासन ने बैंक को 3000 करोड़ की गारंटी दी। बैंक की स्थापना के बाद किसी एक वर्ष में ऋण परिवर्तन की यह सर्वाधिक राशि है। इसी प्रकार वर्ष 2015-16 में अल्पकालीन फसल ऋण पर ब्याज अनुदान की 359 करोड़ 68 लाख की राशि जिला बैंकों को दी गई। यह भी किसी एक वर्ष में शासन से प्राप्त होने वाली सर्वाधिक राशि है।