बिना ड्राइवर चलने वाली मेट्रो

मोदी ने बिना ड्राइवर चलने वाली मेट्रो का तोहफा दिया दिल्लीवासियों को

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  बिना ड्राइवर चलने वाली मेट्रो रेल का  तोहफा आज दिल्लीवासियों को  दिया।

भारत की पहली बिना ड्राइवर चलने वाली मेट्रो रेल का उद्घाटन करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है ।हैं।जहां पर बिना ड्राइवर की मेट्रो रेल चलती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में मेट्रो रेल सेवाओं का विस्तार तेजी से हो रहा है और 2025 तक भारत के 25 से अधिक शहरों में मेट्रो रेल चलने लगेंगी।

उन्होंने बताया कि 2014 में जब सरकार बनी थी तब 5 शहरों में ही मेट्रो की सेवाएं थी लेकिन अब 18 शहरों में मेट्रो सेवाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2014 में जहां 248 किलोमीटर मेट्रो लाइनें थी वहां अब बढ़कर 700 किलोमीटर हो गई है और 2025 तक इसे 1700 किलोमीटर तक ले जाने का प्रस्ताव है।

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 2014 में जहां 17 लाख लोग मेट्रो सेवाओं का लाभ लेते थे वहीं अब 2020 में प्रतिदिन 85 लाख लोग मेट्रो की सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। यह जीवन में आ रही ईज़ ऑफ लाइफ का ताजा प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने शहरीकरण को अवसर के रूप में देखा है। पहले मेट्रो के बारे में कोई नीति नहीं थी लेकिन की सरकार ने मेट्रो की पॉलिसी बनाई और उसे लागू किया है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में चार प्रकार की मेट्रो ट्रेन योजनाओं पर काम चल रहा है। एक आरआरटीएस, दूसरी मेट्रो लाइट, तीसरी मेट्रो नियो और चौथी वाटर मेट्रो।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर शहर की स्थानीय आवश्यकताओं को देखकर ही मेट्रो का विस्तार किया जा रहा है।

रेपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के तहत दिल्ली और मेरठ के बीच तेज़ गति से चलने वाली मेट्रो का निर्माण हो रहा है और इससे दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी केवल एक घंटा हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि जिन शहरों में सवारियाँ कम है वहां पर उन शहरों की आवश्यकता के अनुरूप मेट्रो बनाई जा रही है।

प्रधानमंत्री नहीं जानकारी दी कि जिन शहरों में वॉटर बॉडीज अधिक है वहां पर मेट्रो का काम उसके अनुरूप किया जा रहा है । इस दिशा में केरल के कोच्चि में तेजी से काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि मेट्रो सुविधा संपन्न लोगों के लिए ही नहीं है बल्कि अब प्रदूषण कम करने का मार्ग भी है

प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में चार बड़ी कंपनियां मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं और यही मेक इन इंडिया का सबसे बड़ा प्रमाण हे।

उन्होंने कहा कि इस तरह की आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा जिससे मेट्रो से ऊर्जा की बचत होगी। इसके लिए मेट्रो में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का भी उपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधाओं के लिए कॉमन मोबिलिटी कार्ड भी जारी किया जाएगा जिसमें किसी भी प्रकार के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यात्रा करने की सुविधा हो जाएगी। यह कार्ड काॅमन होगा और इस कार्ड का सभी प्रकार के परिवहन में उपयोग किया जा सकेगा।