रेल बजट में उत्तराखण्ड की रेल परियोजनाएं शामिल होंः हरीश रावत

देहरादून, 08 फरवरी। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड के सीमित संसाधनो व महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति को देखते हुए सामरिक महत्व की परियोजनाओं को आर्थिक मानदण्ड प्रक्रिया से मुक्त रखने का अनुरोध किया है। सहारनपुर-विकास नगर-देहरादून नए रेल मार्ग के निर्माण 2013-14 के रेल बजट में स्वीकृत राम नगर-चैखुटिया रेल मार्ग राष्ट्रीय सामरिक महत्व के ऋषीकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग परियोजना व टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन को जल्द पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किए जाने का भी उन्होंने रेलमंत्री से अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी सुरेन्द्र कुमार ने बताया है कि अपने पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड की जनसंख्या से कई गुणा संख्या में आने वाले पर्यटकों, तीर्थ यात्रियों हेतु सड़क मार्ग भी पर्याप्त नहीं है। सामरिक दृष्टिकोण से उत्तराखंड राज्य चीन-तिब्बत व नेपाल की विशाल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ है। उत्तराखण्ड एक विशेष श्रेणी राज्य होने एवं राजस्व की कमी के कारण रेलवे परियोजनाओं के व्यय में अंशदान देने में असमर्थ है तथा सामरिक महत्व की परियोजनाओं को आर्थिक मानदण्ड प्रक्रिया से मुक्त रखना भी आवश्यक होगा।

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र प्रेषित कर आगामी रेल बजट में राज्य की रेल परियोजनाओं को शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि सहारनपुर-विकासनगर-देहरादून नए रेल मार्ग का निर्माण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। सहारनपुर-देहरादून मार्ग का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण भी हो चुका है। इस नए मार्ग का निर्माण हरबर्टपुर विकासनगर होते हुए देहरादून करने से यमुना घाटी एवं चकरातात्यूनीजौनसार के जनजातीय निवासियों के साथ पर्यटकों को भी अत्यन्त सुविधा होगी तथा हरिद्वार मार्ग में भीड़ को नियंत्रित करने में भी सुविधा होगी। गैरसैण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है जहां गत वर्ष से राज्य विधान सभा का सत्र आहूत किया जा रहा है। अतः रामनगरचैखुटिया रेल मार्ग हेतु 201314 के रेल बजट में स्वीकृति प्रदान की गयी थी। गैरसैण चैखुटिया के अत्यन्त निकट है अतः रामनगर से गैरसैण रेल सम्पर्क की आवश्यकता है। यह रेल मार्ग सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि राष्ट्रीय सामरिक महत्व के ऋषीकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग परियोजना को पूर्ण करने के लक्ष्य को त्वरित रूप से निर्धारित करने की नितान्त आवश्यकता है। इसी प्रकार सामरिक दृृष्टि से टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के निर्माण पर भी शीध्र क्रियान्वयन की आवश्यकता है। किच्छाखटीमा 577 किमी रेल लाइन को त्वरित गति से बनाने की आवश्यकता है तथा भूमि अधिग्रहण हेतु उत्तराखण्ड राज्य द्वारा दिए गए अंशदान के पश्चात अवशेष धनराशि रेल मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त कर इस परियोजना पर राष्ट्रीय योजना स्वरूप त्वरित गति से कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार देवबन्द-रूड़की रेल मार्ग हेतु भी भारत सरकार के द्वारा त्वरित व्यवस्था व कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।

ऋषिकेश से डोईवाला हेतु नए रेल मार्ग निर्माण का 2013-14 बजट में अनुमोदन किया गया था जिसका सर्वे पूर्व में हो चुका है जिस पर त्वरित कार्य किए जाने की आवश्यकता है। वर्ष 2013-14 के रेल बजट में हरिद्वार-कोटद्वार-रामनगर डाईरेक्ट लिंक बनाए जाने की घोषणा की गयी थी। यह मार्ग उत्तराखण्ड के लिए प्राणदायक है। काशीपुर नजीबाबाद वाया धामपुर रेल लाइन का सर्वे पूर्व में किया जा चुका है। अतः इसके निर्माण से ही यह लिंक मार्ग पूर्ण हो सकेगा तथा एक विशाल क्षेत्र इससे लाभान्वित होगा।

रूड़की पीरान कलियर देहरादून-पुरोला यमुना किनारे-टनकपुर जौलजीवी नई रेल लाइनों के सर्वे की घोषणा विगत वर्षों के रेल बजट में की गयी थी इन रेल मार्गों के निर्माण पर तत्काल कार्रवाई आवश्यक है। लालकुआं-मैलानी-टनकपुर-पीलीभीत-भोजीपुरा-बरेली सेक्शन के मीटर गेज 10179 किमी को ब्राॅड गेज हेतु रेल मंत्रालय द्वारा विगत वर्षों में स्वीकृति प्रदान की गयी है। इसके द्रुतगति से अमान परिवर्तन के लिए पर्याप्त बजट की स्वीकृति आवश्यक है।

मुख्यमंत्री रावत ने अपने पत्र में कहा है कि रामनगर से दिल्ली नई हेतु एक सीधी द्रुतगामी नाॅनस्टाॅप रेलगाड़ी का चलाया जाना नितान्त आवश्यक है जिससे यहां के सुविख्यात अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थानों में भारत सरकार से अतिविशिष्ट महानुभावों, उच्चाधिकारियों, उद्योग जगत से जुड़े व्यवसायियों, देश एवं विदेश के पर्यटकों, यात्रियों, तीर्थयात्रियों के यहां पहुॅंचने में सुविधा होगी।

दिल्ली से कोटद्वार जाने हेतु वाया नजीबाबाद रेल मार्ग निर्धारित किया जाय तो यात्रा समय में बचत होगी। रानीखेत एक्सप्रेस 5013, 5014 में रामनगर हेतु एक प्रथम एसी यान अथवा आधा 1ए कोच लगाने की नितान्त आवश्यकता है। उत्तराखण्ड के माननीय सांसद, विधायक, मंत्रीगण, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण व देश विदेश के पर्यटक इस रेल का उपयोग करते हैं अतः इस पर तत्काल कार्यवाही की अपेक्षा है।

नई दिल्ली-देहरादून जन शताब्दी 2055-2056 दिल्ली-काठगोदाम-रामनगर सम्पर्क क्रान्ति एवं आनन्द विहार-काठगोदाम शताब्दी में यात्रियों की अधिक संख्या को देखते हुए इनमें एक अतिरिक्त प्रथम श्रेणी वातानुकूल एवं वातानुकूल कुर्सीयान की नितान्त आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून, हरिद्वार, रूड़की, कोटद्वार, रामनगर, काठगोदाम, रूद्रपुर रेलवे स्टेशनों में आधुनिक साज-सज्जा किए जाने की नितान्त आवश्यकता है चूॅंकि यह उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र जाने के मुख्य प्रवेश द्वार हैं जहां पर अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटकों का निरन्तर आवागमन रहता है। चण्डीगढ-अमृतसऱ के लिए काठगोदाम-रामनगर से एक शताब्दी-जनशताब्दी रेल की नितान्त आवश्यकता है।

देहरादून से रूड़की वाया ऋषिकेश-हरीद्वार-काठगोदाम से लालकुंआ-पन्तनगर-रूद्रपुर-काशीपुर रामनगर-बाजपुर हेतु शटल सेवा के सुदृढ़ीकरण की नितान्त आवश्यकता है। देहरादून एवं काठगोदाम से लखनऊ-वाराणसी-इलाहाबाद के लिए एक दैनिक एक्सप्रैस रेल की नितान्त आवश्यकता है। वर्तमान में हावड़ा जाने वाली रेल में अत्यधिक भीड़ एवं कोटे की कमी है। उत्तराखण्ड में वर्तमान में चलाई जा रही मुख्य रेलगाड़ियों में पुराने व क्षतिग्रस्त बोगियां प्रचलन में हैं। इन बोगियों के स्थान पर नयी बोगियों को बदला जाना पर्यटन तथा स्वच्छता के दृष्टिकोण लिए नितान्त आवश्यक है।