लिंग नहीं, बल्कि योग्यता के आधार पर दें पद : मीनाक्षी लेखी

नई दिल्ली, 4 जून | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद मीनाक्षी लेखी ने यहां शनिवार को कहा कि व्यक्ति के पद का निर्धारण लिंग के आधार पर नहीं, बल्कि उसकी क्षमता के आधार पर किया जाना चाहिए और महिलाओं को उनकी बुद्धिमत्ता और सामरिक कौशल के आधार पर आंका जाना चाहिए। राष्ट्रीय राजधानी में द इन्स्टीट्यूट ऑफ कम्पनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया और द इन्स्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा ‘बोर्ड विविधता के माध्यम से स्थायी संगठनों के विकास’ पर आयोजित एक सम्मेलन के दौरान सांसद ने कहा कि कॉरपोरेट कंपनियों के बोर्डरूम लिंग की दृष्टि से उदासीन होने चाहिए। आज बोर्डरूम के साथ राजनीति में भी पक्षपात देखा जा सकता है।

फाइल फोटो: मीनाक्षी लेखी

इस सम्मेलन में कारोबार, सरकार एवं सिविल सोसाइटी की प्रख्यात महिला दिग्गजों ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे बोर्ड को अधिक समावेशी एवं भविष्य के लिए तैयार बनाया जा सकता है।

मीनाक्षी लेखी ने बोर्ड विविधता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “बोर्डरूम में लिए जाने वाले सख्त फैसले श्रवण क्षमता के पूरक होने चाहिए। नेतृत्व की भूमिका लैंगिक पक्षपात के दायरे से बाहर जाकर इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति ने इस स्थिति तक पहुंचने के लिए कितनी चुनौतियों और बाधाओं का सामना किया है।”

वहीं, आईसीएसआई की अध्यक्ष सीएस ममता बिनानी ने कहा, “कॉरपोरेट बोर्ड कई सुधारों का केंद्र रहा है, विशेष रूप में गेम चेंजर कंपनी अधिनियम 2013 में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है। बोर्ड को महसूस करना होगा कि प्रशासन के आदर्शो एवं प्रशासन की वास्तविकताओं के बीच अंतराल है तथा कॉरपोरेट की कार्यप्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए इस अंतराल को दूर करना अनिवार्य है।”

इन्स्टीट्यूट ऑफ डायरेक्टर्स के अध्यक्ष पीवीएसएम (सेवानिवृत) लेफ्टिनेन्ट जनरल जे एस आहलूवालिया ने कहा, “महिलाओं में सहानुभूति, बेहतर संचार और निर्माण कौशल के गुण होते हैं, जिनका प्रदर्शन वे बोर्डरूम में करती हैं। बोर्डरूम में इस तरह की विविधता न केवल बोर्ड में, बल्कि संगठन में भी भरोसे को बढ़ावा देती है।”