विदेश में संपत्ति छिपाने और कर चोरी करने वालों को भेजा जा रहा है नोटिस : जेटली

नई दिल्ली, 29 अप्रैल | वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में शुक्रवार को कहा कि सरकार कर चोरी रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी और जिनके भी नाम पनामा पेपर लीक में सामने आए हैं, उन सब को नोटिस भेजे जाएंगे। कुछ को भेजे भी जा चुके हैं। सदन में प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद नाना पटोले और किरीट सोमैया तथा बीजू जनता दल के बी. महताब द्वारा कर चोरी के मामलों पर पूछे गए अनुपूरक सवाल के जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं।

जेटली ने कहा कि सदन में किसी एक मामले पर चर्चा नहीं की जा सकती। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार कार्रवाई कर रही है। पनामा पेपर लीक में कर चोरी और विदेश में संपत्ति छिपाने को लेकर जिनके नाम सामने आए हैं, उनको नोटिस भेज रही है। कुछ को नोटिस भेजे भी जा चुके हैं।

वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) देश और विदेश में काले धन से निपटने में अच्छा काम कर रहा है।

सिन्हा ने कहा, “एसआईटी प्रशंसनीय काम कर रही है।” उन्होंने कहा कि एसआईटी की सिफारिशों से जांच एजेंसी और सरकार को काफी मदद मिल रही है, खासकर देश से बाहर छिपाए गए काले धन को लेकर।

उन्होंने कहा, “देश के अंदर के काले धन की जांच में भी एसआईटी की सिफारिशें मददगार साबित हुई हैं। जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।”

बीजू जनता दल के सदन के नेता बी. महताब यह जानना चाहते थे कि एसआईटी और दूसरी एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद क्या सरकार कर चोरी रोकने के लिए किसी कानून में बदलाव कर रही है।

किरीट सोमैया ने इस मामले में जब महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध नेता का नाम लिया (जो जेल में हैं) तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया।

महाजन ने सत्ताधारी दल के सदस्य से कड़े लहजे में कहा, “आप सब कुछ जानते हैं, फिर क्यों आप किसी के नाम का उल्लेख कर रहे हैं।”

वित्त राज्यमंत्री ने इस बात पर सहमति जताई कि धनी लोगों द्वारा अपनी आय को कृषि आय के रूप में दिखा कर टैक्स चोरी के मामले सामने आए हैं।

भाजपा सदस्य नाना पटोले ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि कृषि आय बढ़ रही है। अगर ऐसा है तो किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं।

सिन्हा ने कहा कि राजग सरकार के सत्ता संभालने के बाद कर चुकाने वालों की संख्या बढ़कर 5.8 करोड़ हो चुकी है।

सिन्हा ने कहा, “हमें इस आंकड़े का देश की कुल आबादी के संदर्भ में विश्लेषण नहीं करना चाहिए। यह केवल 25 करोड़ परिवारों और इनमें भी मुख्यत: शहरी क्षेत्र के 7 करोड़ पात्र करदाताओं से संबद्ध है।”

(आईएएनएस)

फाईल फोटोः अरुण जेटली