सार्वजनिक बहस के बाद लघु और मध्यम उद्योगों संबंधी नीति घोषित होगी

नई दिल्ली, 8 जनवरी (जनसमा)। सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यम मंत्रालय ने एमएसएमई के लिए एक व्यापक नीति लाने का निर्णय लिया है, जिसका मसौदा पूर्व कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति तैयार करेगी।

इस आशय की घोषणा करते हुए केन्द्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि समिति अपनी रिपोर्ट  जल्द से जल्द पेश कर देगी।

मिश्र ने कहा, ‘भारत के विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई का 40 फीसदी योगदान और निर्यात में 45 फीसदी योगदान होने के बावजूद एमएसएमई के विकास के लिए फिलहाल कोई भी एकीकृत अवधारणा नहीं है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न नीतियों को एकीकृत करना और एक व्यापक नीति पेश करना है।

 मिश्र ने एक नए वेब पोर्टल http://smepost.com/ को लॉन्च करने के बाद यह बात कही, जो देश में एमएसएमई द्वारा किए गए अच्छे कार्यों का कीर्तिगान करने के प्रति समर्पित है।

कलराज मिश्र ने कहा कि  प्रभात कुमार द्वारा एमएसएमई नीति का मसौदा तैयार करने के बाद इसे अंतिम रूप देने से पहले इस पर सार्वजनिक बहस कराई जाएगी।

मिश्र ने कहा कि एमएसएमई बोर्ड की बैठक के बाद एक व्यापक नीति लाने का निर्णय लिया गया, जिसमें देश भर में फैले 83 छोटे उद्योग संगठनों ने भाग लिया। इन सभी ने सुझाव दिया कि इस तरह की नीति की सख्त आवश्यकता है क्योंकि फिलहाल एमएसएमई के लिए इस तरह की कोई एकल नीति नहीं है।

प्रभात कुमार समिति उन सभी सुझावों पर भी विचार करेगी, जो छोटे उद्योग संगठनों द्वारा पेश किए गए हैं। इन संगठनों ने एमएसएमई द्वारा जरूरी समझे जाने वाले कच्चे माल, पूंजी, विनिर्माण एवं विपणन को एकीकृत करने की जरूरत पर बल दिया है। श्री मिश्र ने कहा कि एमएसएमई नीति तैयार करते वक्त ये सुझाव काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे।