सूखाग्रस्त जनपदों के नागरिकों में भेद न करे केंद्र सरकार: अखिलेश

लखनऊ, 16 मार्च (जनसमा)। ‘‘केंद्र सरकार द्वारा सूखाग्रस्त जनपदों की समस्त जनसंख्या को ए.पी.एल. एवं बी.पी.एल. का भेद किए बगैर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का लाभ पहुंचाया जाए और 3 किलोग्राम गेहूँ तथा 2 किलोग्राम चावल प्रति व्यक्ति प्रतिमाह का वितरण 6 माह तक कराया जाए, जिससे सूखाग्रस्त जनपदों के निवासी इस विषम परिस्थिति से उबर सकें।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश के सूखाग्रस्त जनपदों के निवासियों के लिए अरहर दाल और खाद्य तेल सहित खाद्यान्न कम से कम 6 माह तक उपलब्ध कराने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।

अखिलेश ने यह भी अनुरोध किया है कि खाद्य तेल उपलब्ध कराना सम्भव न होने की स्थिति में विकल्प के तौर पर 02 किग्रा0 सरसों/तिल प्रति परिवार प्रतिमाह आवंटित करने के लिए लगभग 38 हजार मीट्रिक टन सरसों/तिल सब्सिडाइज्ड दर पर शीघ्रातिशीघ्र आवन्टित करने पर विचार किया जाये।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति के दृष्टिगत इस सामग्री पर आने वाला व्यय भार राज्य सरकार के लिए वहन करना सम्भव नहीं है। इस सामग्री के वितरण, परिवहन एवं मार्जिन मनी पर आने वाला व्ययभार राज्य सरकार वहन करने के लिए तैयार है।

यादव ने लिखा है कि प्रदेश में वर्तमान वर्ष में सूखे के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल में कम वर्षा के बाद लगातार दूसरा वर्ष ऐसा है, जिसमें कृषकों के समक्ष सूखे की विषम स्थिति है। इससे अति गरीब लोगों के सम्मुख खाने-पीने की समस्या के साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य पर भी कुप्रभाव पड़ने की आशंका है।

इस स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश शासन सजग एवं संवेदनशील है। राज्य के 75 जनपदों में से 50 जनपद जिसमें बुन्देलखण्ड के सभी जनपद सम्मिलित हैं, सूखाग्रस्त हैं। इनमें लगभग 28 लाख परिवार अन्त्योदय श्रेणी के हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अनुसार इन परिवारों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार प्रतिमाह की दर से खाद्यान्न उपलब्ध कराने पर लगभग 32 हजार मीट्रिक टन गेहूं तथा लगभग 68 हजार मीट्रिक टन चावल वितरित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया है कि सूखाग्रस्त जनपदों के निवासियों को प्रोटीन भी मिल सके, इसके लिए राज्य सरकार ने यह तय किया है कि सूखाग्रस्त जनपदों के समस्त अन्त्योदय परिवारों एवं पात्र गृहस्थियों के लिए 2 किलोग्राम अरहर दाल तथा 1 किलोग्राम खाद्य तेल प्रति परिवार प्रतिमाह वितरित कराया जाए। इस प्रकार प्रदेश के सूखाग्रस्त जनपदों के लिए प्रतिमाह लगभग 37 हजार मीट्रिक टन गेहूं, लगभग 29 हजार मीट्रिक टन चावल, लगभग 38 हजार मीट्रिक टन अरहर दाल तथा लगभग 1.89 करोड़ लीटर खाद्य तेल की प्रतिमाह आवश्यकता होगी।