सूरत को स्मार्ट सिटी

सूरत को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए विकास योजना प्रारूप को मंजूरी

अहमदाबाद, 10 अक्टूबर। सूरत को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गुरुवार को सूरत शहरी विकास प्राधिकरण की  विकास योजना के प्रारूप (डीपी) 2035 को मंजूरी दे दी।

रूपाणी ने गुरुवार को सूरत महानगर के विकास को नई ऊंचाई प्रदान करने के ऐतिहासिक निर्णय के अंतर्गत सूरत शहरी विकास प्राधिकरण (सूडा) की विकास योजना (ड्राफ्ट डीपी) प्रारूप 2035 को अंतिम मंजूरी देकर फाइनल किया है।

मुख्यमंत्री ने महानगरों और नगरों के तेज और सुव्यवस्थित विकास की प्रतिबद्धता के साथ डीपी की अनुमति देने में त्वरित निर्णायकता का दृष्टिकोण अपनाया है।

सूडा की ओर से मंजूरी के लिए भेजी गई विकास योजना के विषय में जनवरी-2019 में अनारक्षित जमीनों तथा नवंबर-2019 में आरक्षित जमीनों के लिए जारी की गई अधिसूचना के संबंध में प्राप्त आपत्तियों और सुझावों को ध्यान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने प्राथमिक अधिसूचना अंतिम कर सूडा की इस फाइनल डीपी को मंजूर किया है।

सूरत को स्मार्ट सिटी बनाने की विकास योजना के मंजूर होने से लगभग 850 हेक्टेयर जमीन निर्माण कार्य और विकास के लिए उपलब्ध होगी। 30 वर्ष से आरक्षित क श्रेणी में रखी गई जमीनों के मुक्त होने से किसानों व जमीन मालिकों का विकास स्वप्न साकार होने की नई राह खुली है।

अब, इस डीपी के मंजूर होने से अहमदाबाद-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग की दोनों तरफ 1 किलोमीटर के कामरेज से पलसाणा तक 50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में उच्च घनत्व आवासीय और व्यावसायिक विकास हो सकेगा।

प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन के सूरत के निकट स्थित प्रस्तावित भव्य स्टेशन अंतरोली और उसके आसपास के क्षेत्र में उच्च घनत्व आवासी और व्यावसायिक विकास के लिए भी नई क्षितिज खुलेंगी।

कामरेज-पलसाणा कोरिडोर, अंतरोली हाईस्पीड कोरिडोर जैसे अति महत्वपूर्ण प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिलने से बुलेट ट्रेन, मेट्रो रेल और ट्रांसपोर्ट सुविधा के लिए नई दिशा मिलेगी।

हजीरा क्षेत्र में हो रहे औद्योगिक विकास के मद्देनजर विकास योजना में प्रस्तावित औद्योगिक विकास गलियारा इस क्षेत्र में और भी योजनाबद्ध तरीके से औद्योगिक विकास को बल प्रदान करेगा। इतना ही नहीं, इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और शहर की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि नए जोनिंग वाले क्षेत्र में विशेषकर उच्च घनत्व कोरिडोर में तत्काल प्रभाव से नगर नियोजन योजनाओं (टीपी स्कीम) का आयोजन किया जाएगा।

इसके परिणामस्वरूप आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ सुनियोजित सहूलियतें भी मुहैया कराई जा सकेंगी।