हाथरस

हाथरस में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं, एसआईटी का गठन

लखनऊ/दिल्ली, 1 अक्टूबर। हाथरस प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है।

एसआईटी में गृह सचिव स्तर के अधिकारी, डीआईजी स्तर के अधिकारी और एक महिला एसपी स्तर के अधिकारी शामिल हैं।

एसआईटी की तहकीकात में निश्चित ही बड़े साजिश का पर्दाफाश होगा। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों की पड़ताल जारी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने हाथरस मामले की तह तक तहकीकात करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री  ने कहा है कि इस घटना के अपराधियों को ऐसा दंड मिले, जो आने वाले समय मे नजीर बने।

क्राइम इन इंडिया के ताजा आंकड़ों का हवाला देते हुए एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि महिला संबंधी अपराध में जो कनविक्शन की दर है, इस मामले में उत्तर प्रदेश 2018 में भी प्रथम स्थान पर था और इस वर्ष भी है।

दुष्कर्म की पुष्टि नहीं

हाथरस में बालिका के साथ दुराचार की घटना को लेकर प्रारंभिक मेडिकल रिपोर्ट, दिल्ली सफदरजंग हॉस्पिटल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट हो अथवा विधि विज्ञान प्रयोगशाला में हुए गहन परीक्षण की रिपोर्ट, तीनों में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।

गुरुवार को उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि दिल्ली के अस्पताल से हाथरस के केस में प्राप्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता की मृत्यु का कारण गले में चोट लगने से होने वाला ट्रॉमा है।

यह नहीं, विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट भी प्राप्त हो गई है। इस रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि जो सैंपल एकत्रित किए गए थे, उससे दुष्कर्म की पुष्टि नहीं होती।

एडीजी ने कहा कि कतिपय अराजक तत्व प्रदेश में गलत तरीके से, जातीय तनाव पैदा करने के लिए माहौल खराब करने की कोशिश की गई। हालांकि पुलिस ने शुरू से इसमें ससमय प्रभावी कार्रवाई की। आगे भी विधिक कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों की पहचान की जाएगी जो प्रदेश में सामाजिक सद्भाव और जातीय हिंसा फैलाना चाहते थे। जवाबदेह अधिकारियों के कहने के बावजूद अपने तरीके से चीजों को मीडिया में गलत तथ्यों के आधार पर मोड़ना चाहते थे।