Modi addressing the gathering at the Belur Math, in Kolkata

संविधान को मानने वाला किसी भी धर्म का व्यक्ति भारत की नागरिकता ले सकता है

” दूसरे देश से, किसी भी धर्म (religion) का कोई भी व्यक्ति, जो भारत में आस्था रखता है, भारत के संविधान (Indian constitution) को मानता है, भारत की नागरिकता(citizenship ) ले सकता है।”

यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार 12 जनवरी, 2020 को कोलकाता स्थित बेलूर मठ (Belur Math) में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekanand) जयंती के अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कही।

मोदी ने कहा ” मैं फिर कहूंगा, सिटिजनशिप एक्ट(, नागरिकता छीन लेने का नहीं, ये नागरिकता देने का कानून है और सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (Citizenship Amendment Act)  , उस कानून में सिर्फ एक संशोधन है। ”

नागरिकता कानून में संशोधन करने के बारे में विवेचना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा “ये संशोधन, ये अमेंडमेंट क्या है? हमने बदलाव ये किया है कि भारत की नागरिकता लेने की सहूलियत और बढ़ा दी है। ये सहूलियत किसके लिए बढ़ाई है? उन लोगों के लिए, जिन पर बंटवारे के बाद बने पाकिस्तान में, उनकी धार्मिक आस्था की वजह से अत्याचार हुआ, जुल्‍म हुआ, जीना मुश्किल हो गया, बहन-बेटियों की इज्‍जत असुरिक्षत हो गई। जीवन जीना ही एक सवाल या निशान बन गया। अनेक संकटों से ये जीवन ही घिर गया।”

उन्होंने कहा “स्वतंत्रता के बाद, पूज्‍य महात्मा गांधी से लेकर तब के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं का यही कहना था कि भारत को ऐसे लोगों को नागरिकता देनी चाहिए, जिन पर उनके धर्म की वजह से पाकिस्तान में अत्याचार किया जा रहा है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से सवाल करते हुए कहा “अब मैं आपसे पूछता हूं मुझे बताइए कि ऐसे शरणार्थियों को हमें मरने के लिए वापस भेजना चाहिए क्‍या? भेजना चाहिए क्‍या? क्‍या हमारी जिम्‍मेवारी है कि नहीं है, उनको बराबरी में हमारा नागरिक बनाना चाहिए कि नहीं बनाना चाहिए। अगर वो कानून के साथ, बंधनों के साथ रहता है, सुख-चैन की जिंदगी जीता है तो हमें संतोष होगा कि नहीं होगा… ये काम पवित्र है कि नहीं है…हमें करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। औरों की भलाई के लिए काम करना अच्‍छा है कि बुरा है? अगर मोदी जी ये करते हैं तो आपका साथ है न… आपका साथ है न… हाथ ऊपर उठा करके बताइए आपका साथ है न। ”

मोदी ने कहा “हमारी सरकार ने देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले महान सपूतों की इच्छा का ही सिर्फ पालन किया है। जो महात्‍मा गांधी कहकर गए उस काम को हमने किया है जी…. और सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (Citizenship Amendment Act) में हम नागरिकता दे ही रहे हैं, किसी की भी… किसी की भी… नागरिकता छीन नहीं रहे हैं।”

उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आज भी किसी भी धर्म का व्यक्ति, भगवान को मानता हो या न मानता हो… जो व्‍यक्ति भारत के संविधान को मानता है, वो तय प्रक्रियाओं के तहत भारत की नागरिकता ले सकता है।”

नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा  “नॉर्थ ईस्ट हमारा गर्व है। नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की संस्कृति, वहां की परंपरा, वहां की डेमोग्राफी, वहां के रीति-रिवाज, वहां के रहन-सहन, वहां का खान-पान, इस पर इस कानून में जो सुधार किया गया है इसका कोई विपरित प्रभाव उन पर न पड़े, इसका भी प्रावधान केंद्र सरकार ने किया है।”

मोदी ने कहा “इतनी स्पष्टता के बावजूद, कुछ लोग अपने राजनीतिक कारणों से सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर लगातार भ्रम फैला रहे हैं। मुझे खुशी है कि आज का युवा ही ऐसे लोगों का भ्रम भी दूर कर रहा है।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा  पाकिस्तान में जिस तरह दूसरे धर्मों के लोगों पर अत्याचार होता है, उसे लेकर भी दुनिया भर में आवाज हमारा युवा ही उठा रहा है। और ये बात भी साफ है कि नागरिकता कानून में हम ये संशोधन न लाते तो न ये विवाद छिड़ता और न ये विवाद छिड़ता तो दुनिया को भी पता न चलता कि पाकिस्‍तान में minority पर कैसे-कैसे जुर्म हुए हैं। “