जीएसटी अर्थव्यवस्था, संघवाद को बढ़ावा देगा : जेटली

नई दिल्ली, 3 अगस्त | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था संघवाद का एक बेहतरीन उदाहरण है और यह राज्यों तथा केंद्र सरकार के राजस्व को निरंतर बढ़ावा देगा। राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए जेटली ने कहा कि इस मुद्दे पर सभी पक्षों के प्रयास से आम सहमति बनी है और अधिकांश राज्यों की शंकाएं खत्म हो चुकी हैं।

मंत्री ने कहा, “अधिकार प्राप्त समिति तथा राजनीतिक पार्टियों के बीच दोहरे संवाद के परिणाम स्वरूप व्यापक तौर पर आम सहमति बनी है, जो इस तरह के सभी विधेयकों के लिए जरूरी है। हमने एक व्यापक राजनीतिक आम सहमति के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया।”

उन्होंने कहा, “भारत के इतिहास में यह सबसे बड़ा कर सुधार है। इसलिए इस पर संभवत: व्यापक राजनीतिक सहमति बनाना जरूरी था।” उन्होंने कहा कि राज्यों की सबसे बड़ी चिंता वस्तुओं पर उसके द्वारा लगाए जाने वाले कर को लेकर था।

शराब जीएसटी के दायरे से बाहर होगा, पेट्रोलियम उत्पाद जीरो-रेटेड होगा। लेकिन राज्य इनपर अपनी तरफ से कर लगा सकते हैं।

जेटली ने कहा कि जबतक किसी फैसले पर नहीं पहुंच जाते, यह स्थिति बहाल रहेगी।

जेटली ने कहा, “केंद्र का राज्यों पर वीटो का अधिकार होगा, वहीं राज्य के पास केंद्र पर वीटो का अधिकार होगा।”

उन्होंने कहा, “हम सब इस बात पर सहमत हैं कि विवादों को परिषद द्वारा सुलझा लिया जाएगा।”

–आईएएनएस