covid-19 hospitals

उत्तर प्रदेश में कोविड-19 अस्पतालों में बेड की क्षमता एक लाख

लखनऊ, 31 मई-  उत्तर प्रदेश में कोविड-19 अस्पतालों (covid-19 hospitals) में बेड की क्षमता एक लाख हो गई है। इसके अलावा प्रतिदिन दस हज़ार से अधिक कोरोनावायरस (COVID-19) के टेस्ट किये जारहे हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  (Yogi Adityanath) ने राज्य में एल-1, एल-2 व एल-3 कोविड अस्पतालों (covid-19 hospitals0 में बेड की क्षमता बढ़ाने तथा कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता के 10 हजार पार करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।

उन्होंने राज्य में कोविड अस्पतालों (covid-19 hospitals) एवं अन्य चिकित्सा सुविधाओं को और सुदृढ़ किए जाने के साथ ही, कोविड-19 की टेस्टिंग क्षमता को 15 जून, 2020 तक बढ़ाकर 15 हजार किए जाने तथा इस माह के अन्त तक बढ़ाकर 20 हजार किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे।

एल-1 कोविड अस्पतालों (covid-19 hospitals) में सामान्य बेड के साथ ही, ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा से युक्त बेड भी उपलब्ध हैं।

इसी प्रकार एल-2 कोविड अस्पतालों (covid-19 hospitals) में ऑक्सीजन युक्त बेड के साथ ही, वेंटीलेटर की सुविधा से युक्त बेड भी उपलब्ध हैं।

योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि मार्च, 2020 के प्रथम सप्ताह में जब प्रदेश में कोरोनावायरस (Covid-19) का पहला मामला प्रकाश में आया था, उस समय राज्य में इसकी टेस्टिंग क्षमता मात्र 50 थी।

केन्द्र सरकार के सहयोग से वर्तमान में प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता को विकसित कर 10 हजार से अधिक कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि 01 जून, 2020 से रेल सेवा प्रारम्भ होने के कारण रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की समुचित स्क्रीनिंग की जाए।

उन्होंने स्क्रीनिंग हेतु रेलवे स्टेशनों पर आवश्यक रूप से प्रशासन, पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार की ओर से रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर विभिन्न राज्यों से प्रदेश में आने वाले कामगारों/श्रमिकों को ऐसे हैण्डबिल उपलब्ध कराने के लिए कहा जाए, जिसमें कोरोना वायरस covid-19 के विषय में बरती जाने वाली सावधानी के बारे में बताया गया हो, जिससे इन कामगारों को कोरोनावायरस  के सम्बन्ध में बरती जाने वाली सावधानी की पहले से ही जानकारी रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 जून, 2020 से खाद्यान्न वितरण का अगला चरण प्रारम्भ हो रहा है। गोदाम से राशन की दुकान तक खाद्यान्न की सप्लाई पूरी पारदर्शिता के साथ की जाए।  इसके लिए जी.पी.एस. प्रणाली का प्रयोग किया जाए।

योगी आदित्यनाथ  ने कहा कि ग्राम स्तर पर पूरी पारदर्शिता और सुव्यवस्थित ढंग से खाद्यान्न की सप्लाई सुनिश्चित किए जाने के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि हर हाल में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को खाद्यान्न उपलब्ध हो जाए। जरूरतमंद परिवारों के राशन कार्ड तेजी से बनवाए जाएं।

यह भी सुनिश्चित किया जाए कि राशन वितरण में घटतौली अथवा किसी अन्य प्रकार की अव्यवस्था न होने पाए।

खाद्यान्न वितरण के दौरान कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के उपायों यथा सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पूर्ण पालन कराया जाए।

योगी आदित्यनाथ  ने निगरानी समितियों को सतत् सक्रिय बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि इन समितियों के क्रियाशील बने रहने से संक्रमण को रोकने में मदद मिल रही है।

उन्होंने निगरानी समितियों के सदस्यों से नियमित संवाद बनाए रखते हुए उनके द्वारा किए जा रहे सर्विलांस आदि कार्यों के फीडबैक लेने के निर्देश भी दिए।

उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा सघन एवं नियमित पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्र न होने पाए। उन्होंने सेनिटाइजेशन कार्य को निरन्तर संचालित किए जाने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री  ने आकाशीय बिजली आदि आपदाओं से होने वाली जनहानि, पशुहानि को रोकने के लिए तकनीक के प्रयोग पर बल दिया।

इस सम्बन्ध में राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण (SDMA) को पूरी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक के प्रयोग से आकाशीय बिजली आदि से होने वाली जन व पशु हानियों को रोका जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण(SDMA) द्वारा तकनीक का प्रयोग करते हुए इन हानियों की आशंका के सम्बन्ध में एलर्ट जारी किया जाए।

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के निराश्रित व्यक्तियों को ग्राम प्रधान निधि से आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिस निराश्रित व्यक्ति के पास राशन न हो, उसे खाद्यान्न के लिए ग्राम प्रधान निधि से 01 हजार रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए।

किसी निराश्रित व्यक्ति के गम्भीर रूप से बीमार होने की स्थिति में, उसके आयुष्मान भारत योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित नहीं होने पर, तात्कालिक सहायता के रूप में ग्राम प्रधान निधि से 02 हजार रुपए प्रदान किए जाएं।

इसी प्रकार किसी निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार को अन्तिम संस्कार के लिए ग्राम प्रधान निधि से 05 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी जाए।