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छत्तीसगढ़ : कृषि बजट में 10 हजार 443 करोड़ का प्रावधान

रायपुर, 30 मार्च। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बताया कि राज्य में लगभग दस साल के भीतर धान का उत्पादन दोगुने से भी ज्यादा हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य का कृषि बजट दस हजार 443 करोड़ रूपए का है। इसमें 32 लाख किसानों के लिए प्रति किसान लगभग 28 हजार रूपए का औसत बजट प्रावधान रखा गया है।

रमन सिंह ने बुधवार को यहां विधानसभा में राज्य सरकार के नये वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए लगभग 81 हजार करोड़ का बजट पारित होने के बाद बताया कि वर्ष 2007 की तुलना में इस वर्ष एक करोड़ 20 लाख टन की पैदावार मिली है। इस प्रकार दस वर्ष में उत्पादन दोगुने से भी ज्यादा हो गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं से किसानों को काफी लाभ हो रहा है। खेतों के मिट्टी परीक्षण के लिए राज्य में स्वायल हेल्थ कार्ड योजना चलाई जा रही है। प्रदेश में 33 स्थायी और 111 मिनी प्रयोगशालाओं में मिट्टी परीक्षण निःशुल्क किया जा रहा है। अब तक 15 लाख किसानों को स्वायल हेल्थकार्ड दिए जा चुके हैं और इस योजना में छत्तीसगढ़ देश में पहले नम्बर पर है।

रमन ने बताया कि इस बार खरीफ में सहकारी समितियों के माध्यम से 13 लाख 27 हजार किसानों से समर्थन मूल्य पर दस हजार 317 करोड़ रूपए का धान खरीदा गया है। इस प्रकार औसत देखा जाए तो प्रति किसान लगभग 78 हजार रूपए का धान लिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसानों को सहकारी समितियों में ब्याज मुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण दिया जा रहा है। इसमें प्रति किसान डेढ़ हजार से दो हजार रूपए तक ब्याज अनुदान का लाभ इस बार ग्यारह लाख किसानों को मिला है। उन्हें लगभग तीन हजार करोड़ रूपए का ऋण दिया गया है। इसके लिए अगले वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में 200 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

डॉ. सिंह ने बताया कि पांच हार्सपावर तक प्रत्येक सिंचाई पम्प को सात हजार 500 यूनिट बिजली प्रतिवर्ष निःशुल्क दी जा रही है। इस योजना से प्रत्येक किसान को औसतन 31 हजार रूपए का वार्षिक लाभ हो रहा है, वहीं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के किसानों को प्रति किसान 50 हजार रूपए का फायदा मिल रहा है।

(फाइल फोटो)