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भारतीय नस्ल की गाय के दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता

शिमला, 05 अक्तूबर । भारतीय नस्ल की गाय के दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता है। इसके एक ग्राम गोबर में करीब 300 से 500 करोड़ जीवाणु पाये जाते हैं, जो जमीन की उर्वरा शक्ति को बढ़ाते हैं। एक देसी गाय से 30 एकड़ भूमि पर कृषि की जा सकती है। इसी तरह गौमूत्र भी कई मायनों में फायदेमंद है। इसका गौमूत्र इतना प्रभावी है कि आयुर्वेद में जहरीली दवाओं का शोधन भी इसी से किया जाता है।

यह जानकारी देते हुए हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने लोगों का आह्वान किया कि वे गाय के महत्व को समझकर इसका पालन करें।

शहर की एक गली में प्लास्टिक की थैली खाती हुई गौमाता  – फोटो  :बी भट्ट

वे  गुरूवार को शिमला के निकट जाठिया देवी में क्योंथल सामाजिक. सांस्कृतिक उत्थान संस्था द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय नस्ल की गाय के माध्यम से देश के किसानों को बचाया जा सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि आज वैज्ञानिकों ने भी गाय पर अनेक शोध कर इसके दूध, गोबर, गौमूत्र को अद्भुत पाया है। उन्होंने चिंता जताई कि भौतिकतावाद के इस युग में गाय को पराया कर दिया गया है।