Bhimbetka cave

वर्ष के अंत तक पूरा हो जायेगा शैल चित्रों का दस्तावेजीकरण

rock paintingsमध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग के पुरातत्व संचालनालय द्वारा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के शैल चित्रों (Rock paintings) या गुफा पेंटिंग्स (Cave paintings) का दस्तावेजीकरण और संरक्षण वर्ष 2020 के आखिर तक पूरा कर लिया जायेगा।

ऐसा माना जाता है कि गुफाओं के पत्थरों पर गेरुआ रंग से की गई पेंटिंग लगभग तीस हजार साल पुरानी है।

वह युग था जब मानव गुफाओं या कंदराओं में रहता था। भीमबेटका जैसे शैल चित्र (Rock paintings)  हमारे पूर्वजों से मिला एक उपहार हैं।

उल्लेखनीय है कि राजधानी भोपाल में श्यामला हिल्स तथा मनुआभान की टेकरी और रायसेन जिले में भीम बेटका ( Bhimbetka ), साँची, खरवई, पेनगवां, रायसेन किले के पास रामछज्जा, बारला आदि स्थानों के शैल चित्र (Rock paintings)  या गुफा पेंटिंग्स पर्यटकों और पुरातत्व प्रेमियों के आकर्षण का केन्द्र हैं। हजारों वर्ष पहले ये शैलाश्रय आदि मानव का बसेरा रहा है।

पुरातत्व संचालनालय ने इन के शैल चित्रों (Rock paintings)  या गुफा पेंटिंग्स की सूची तैयार कर विधिवत सर्वेक्षण की पहल की है।

इन सभी स्थानों का दस्तावेजीकरण (डॉक्यूमेन्टेशन) करने के पश्चात इनके संरक्षण के कार्य को अंजाम दिया जायेगा।

सभी के शैल चित्रों (Rock paintings)  या गुफा पेंटिंग्स  से संबंधित विस्तृत विवरण 5 खंडों में प्रकाशित किया जायेगा।

पुरातत्व संचालनालय ने प्रदेश में विभिन्न स्मारकों के संरक्षण और अनुरक्षण का कार्य भी करवाया है।