सुकमा हमले को ‘लाल आतंक’ कहे जाने पर भाकपा ने आपत्ति जताई

नई दिल्ली, 25 अप्रैल। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने छत्तीसगढ़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों पर सोमवार को हुए नक्सली हमले की निंदा करते हुए कहा कि इसे ‘लाल आतंक’ न कहा जाए। भाकपा ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा, “पार्टी सुकमा में जवानों की हत्या की निंदा करती है… जवानों को सम्मान देती है और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है।” हालांकि भाकपा ने हमले को ‘लाल आतंक’ कहे जाने पर आपत्ति जताई।

बयान में कहा गया है, “छत्तीसगढ़ में भाकपा सहित कई वाम पार्टियां जनजातीय समुदाय के लोगों के रक्षार्थ काम कर रही हैं। वे नक्सलियों से सहमत नहीं हैं… राजनीतिक रूप से, वैचारिक रूप से और उनके संघर्ष के तरीके से भी नहीं।”

भाकपा ने कहा कि सरकार (केंद्र व राज्य) को ‘व्यापक संदर्भ व परिप्रेक्ष्य में गंभीरतापूर्वक आत्मविश्लेषण’ करने की जरूरत है कि क्षेत्र में हालात से निपटने में कामयाबी क्यों नहीं मिल पा रही है? पार्टी ने कहा, “यह जानकर आश्चर्य हुआ कि सीआरपीएफ का पूर्णकालिक प्रमुख नहीं है और इसे नियमित रूप से खुफिया जानकारी नहीं मिलती। वरना इस तरह की हिंसा को टाला जा सकता था।”

हथियारों से लैस 300-400 नक्सलवादियों ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में जंगल में सड़क निर्माण की निगरानी कर रहे सीआरपीएफ की एक टुकड़ी पर हमला कर दिया था, जिसमें 25 जवान शहीद हो गए। नक्सलियों में बच्चे व महिलाएं भी शामिल थे।