Dr Vishwas Mehta presented his book Ati Jeevanamto Kerala CM Pinarayi Vijayan

डॉ विश्वास मेहता ने केरल के मुख्यमंत्री विजयन को अपनी पुस्तक भेंट की

नीति गोपेन्द्र भट्ट—

नई दिल्ली/ तिरुवनंतपुरम। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी, केरल के पूर्व मुख्य सचिव और प्रदेश के निवर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त तथा दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर मूल के निवासी डॉ विश्वास मेहता ने मलयालम भाषा में लिखी अपनी पुस्तक अति जीवनम (सर्वाइवल) की एक प्रति मुख्यमंत्री निवास पर भेंट की।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने डॉ विश्वास मेहता के इस सराहनीय प्रयास की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए केरल के मुख्य सचिव और प्रदेश के निवर्तमान मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में चालीस वर्षों तक दी गई उनकी सेवाओं में स्थापित किए गए कई अनुकरणीय आयामों को सराहा।

उन्होंने यह भी कहा कि कोविड 19 के कालखण्ड में डॉ विश्वास मेहता ने रात दिन काम कर प्रदेश की जनता की जो सेवा की उसे कभी भुलाया नही जा सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो कई  ब्यूरोक्रेट्स अपनी पुस्तके लिखते है लेकिन डॉ विश्वास मेहता ने अपनी कर्म भूमि केरल की आधिकारिक भाषा मलयालम में किताब लिखकर और उसमें अनेक प्रेरणादायी संस्मरणों का संग्रह कर सभी का दिल जीत लिया है। वे बहुत अच्छी मलयालम भी बोलते और लिखते है। विजयज ने उम्मीद जताई कि राजस्थान के एक छोटे से नगर डूंगरपुर के गरीब परिवार से बाहर निकल कर और सिविल सेवाओं के उच्चतम शिखर तक पहुंच कर डॉ विश्वास मेहता ने एक मिसाल कायम की है। मुझे विश्वास है कि अपने प्रशासनिक अनुभवो के निचोड़ के रूप में आई उनकी यह पुस्तक प्रशासनिक सेवाओं में आने वाले युवाओं का पथ प्रदर्शक बनेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री विजयन की धर्म पत्नी कमला विजयन और डॉ विश्वास मेहता धर्म पत्नी प्रीति मेहता भी मौजूद थी ।

उल्लेखनीय है कि पिछली 19 फरवरी को केरल के राज्यपाल डॉ आरिफ मोहम्मद खान  द्वारा केरल राजभवन में डॉ विश्वास मेहता की पुस्तक अति जीवनम (सर्वाइवल) का लोकार्पण हुआ था। तीन सौ से अधिक पृष्ठों की इस पुस्तक की भूमिका पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने लिखी हैं,जोकि डॉ विश्वास मेहता के प्रथम कलक्टर रहे हैं।

डॉ विश्वास मेहता ने गुरुवार को सायं केरल के मुख्य सूचना आयुक्त का तीन वर्ष का कार्य पूरा कर लिया। इस संवैधानिक पद की शपथ लेने से पूर्व वे केरल के मुख्य सचिव थे । उनकी उल्लेखनीय सेवाओं को देखते हुए सरकार द्वारा उन्हें सेवानिवृति के बाद तीन वर्ष का यह विशेष  दायित्व दिया गया था ।