भारत के बाजारों में बिक रही हैं प्राण घातक रसायन युक्‍त मछलियां

Radha Mohan Singh

The Union Minister for Agriculture and Farmers Welfare, Shri Radha Mohan Singh launching the Rapid Detection Kits for Adulterants in Fresh Fish, in New Delhi on January 30, 2018. The Minister of State for Agriculture and Farmers Welfare, Shri Gajendra Singh Shekhawat and other dignitaries are also seen.

भारतीय घरेलु मत्‍स्‍य बाज़ार में फॉर्मेल्‍डहाइड तथा अमोनिया जैसे रसायनों युक्‍त मत्‍स्‍य के व्रिकय होने की सूचनाऐं आए दिन प्राप्‍त प्राप्त हो रही हैं, विशेषत: उन बाज़ारों में जो उत्‍पादन केंद्रों से दूरदराज स्थानों में स्थित हैं। अमोनिया तथा फॉर्मेल्‍डहाइड के सेवन से मनुष्यों में अनेक स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याऐं जैसे, पेट दर्द, वमन, बेहोशी जैसी समस्याएं उत्‍पन्‍न हो जाती हैं, और यहां तक कि व्यक्ति की मृत्‍यु भी हो सकती है।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, राधा मोहन सिंह ने यह बात मंगलवार को नई दिल्ली में त्‍वरित परीक्षण किट (सिफ्टेस्‍ट) के लांच के अवसर पर कही।

मछली का सेवन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अत्‍यंत लाभकारी होता है । मछलियां जल्दी खराब हो जाती हैं इसलिए उनका लंबे समय तक भंडारण नहीं किया जा सकता है।

राष्‍ट्रीय एवं अंर्तराष्‍ट्रीय विनियमों के अनुसार मत्‍स्‍य उत्पादों को सिर्फ बर्फ के माध्‍यम से संरक्षित किया जाना चाहिए तथा मत्‍स्‍य परिरक्षण के लिए किसी भी रसायन का उपयोग पूर्णत: वर्जित है।

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ फिशरीज टेक्नालॉजी (CIFT) कोच्चि द्वारा विकसित मछलियों में रासायनिक मिलावट या छिड़काव का पता लगाने वाली किट – त्‍वरित परीक्षण किट (सिफ्टेस्‍ट) को लांच किया। मछलियों को जल्दी खराब होने से रोकने और बर्फ में फिसलन खत्म करने के लिए अमोनिया तथा फॉर्मेल्‍डहाइड का इस्तेमाल किया जाता है। जांच किट मछिलयों में दोनों रसायनों की उपस्थिति का पता लगाता है।

भोजन में दूषित पदार्थों की नियमित जांच एक दीर्घकालिन प्रक्रिया है परन्तु कुछ व्यक्ति दूषित पदार्थों के रूप में अनेक विषैले रसायनों का प्रयोग करने लगे हैं। आज का उपभोक्‍ता भोजन की गुणवता की सुरक्षा को लेकर बहुत सजग है। उपभोक्‍ता को दूषित पदार्थों की जांच के लिए ऐसी तकनीक की जरूरत है, जो संवेदनशील सुवाद्य होने के साथ-साथ शीघ्रता से दूषित पदार्थों का पता लगा सके । इन पहलुओं को ध्‍यान में रखकर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – के मा प्रौ सं, कोच्चि ने अमोनिया तथा फॉर्मेल्‍डहाइड की त्‍वरित जांच हेतु परीक्षण किटों को विकसित किया है ।

इन किटों का प्रयोग उपभोक्‍ता सरल तरीकों से कर सकता है। किट के भीतर कागज़ की पट्टियॉं, रसायनिक द्रव्‍य तथा परिणाम जानने के लिए एक मानक चार्ट दिया गया है। फॉर्मेल्‍डहाइड एक कैंसर उत्‍प्रेरित करने वाला रसायन है, इसलिए मत्‍स्‍य परिरक्षण में इसका उपयोग चिंतनीय है। अतः