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पाक के नरोवाल में गुरुद्वारा करतारपुर साहब गलियारे के लिए आधारशिला रखी गई

Badal and Puri

Union Ministers Hardeep Puri and Harsimrat Kaur Badal attended the ground-breaking ceremony of Kartarpur corridor in Pakistan on Wednesday

पाकिस्तान के  प्रधान मंत्री इमरान खान ने भारत के केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और हरसिमरत कौर बादल के साथ 28 नवंबर को लाहौर से लगभग 120 किलोमीटर दूर नरोवाल में करतारपुर गलियारे के लिए आधारशिला रखी।

गुरुद्वारा करतारपुर साहिब 1522 में सिख गुरु द्वारा स्थापित किया गया था। यह वह स्थान है जहां गुरु नानक देव ने देहलीला की थी।

पाकिस्तान में करतारपुर गलियारा रावी नदी के पार स्थित है जो डेरा बाबा नानक मंदिर से करीब चार किलोमीटर दूर है। अब तक श्रद्धालु चार किलोमीटर दूर दूरबीन से करतारपुर साहिब के दर्शन करते थे।

केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और हरसिमरत कौर बादल ने बुधवार को पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे के ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में भाग लिया।

इससे पहले उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को पंजाब के गुरदासपुर जिले के गांव मान में पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा तक भारतीय पक्ष में करतारपुर गलियारे की नींव रखी थी।

विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत कई वर्षों से करतारपुर गलियारे के लिए कह रहा था और खुशी है कि पाकिस्तान ने पहली बार सकारात्मक प्रतिक्रिया दी ।

पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती मनाने के लिए गलियारे के निर्माण और विकास को मंजूरी दे दी थी।

गलियारा भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब में वीजा.मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा।

पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने पुरी और सुश्री बादल के साथ गलियारे की नींव रखी।

इस अवसर पर बोलते हुए सुश्री बादल ने कहा कि यह सिख समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और आशा व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच शांति बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा दोनों देशों के लोगों के बीच शांति और सद्भाव का संदेश फैलाएगा।

पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को यह महसूस करना चाहिए कि आगे बढ़ने की जरूरत है।

एक बयान में पुरी ने पाकिस्तान सरकार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और कहा कि यह सिख समुदाय की दीर्घकालिक मांग थी।

इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि करतारपुर गलियारा की पहल पाकिस्तान के साथ वार्ता प्रक्रिया से जुड़ी हुई नहीं है।

बुधवार को हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए श्रीमती स्वराज ने कहा कि वार्ता इस्लामाबाद भारत में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के बाद ही शुरू हो सकती है।

विदंश मंत्री ने भारत के इस स्टैंड को दोहराया कि वार्ता और आतंक एक साथ नहीं चल सकते हैं।