ज्यादा नमक, चीनी और मोटापा बढ़ाने वाले पैकेज्ड फूड पर लग सकता है अतिरिक्त टैक्स

नई दिल्ली, 12 मई (जनसमा)। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण यानी एफएसएसएआई ने अधिक वसा, चीनी और नमक वाले पैकेज्ड फूड पर अलग से टैक्स लगाने का एक प्रस्ताव दिया है। अब इस प्रस्ताव को लेकर पैकेज्ड फूड बनाने वाली कम्पनियां और रेस्त्रां असमंजस हैं।

एफएसएसएआई के 11 सदस्यीय पैनल की ‘वसा, चीनी व नमक के सेवन से भारतीय जनसंख्या पर पड़ने वाले स्वास्थ्य प्रभाव’ पर दी गई रिपोर्ट से मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी रोगों की संख्या, खासतौर से बच्चों में कम होने की उम्मीद है।

इस रिपोर्ट में ऐसे उत्पादों के लिए सख्त लेबलिंग मानदंड और बच्चों के टीवी चैनलों पर उनके प्रचार पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया गया है।

इस बाबत कुछ समाचार पत्रों ने कहा है कि एफएसएसएआई ने अभी टैक्स रेट का कोई ब्योरा नहीं दिया है लेकिन यदि यह प्रस्ताव लागू होता है तो अधिकतर प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ प्रस्तावित टैक्स के दायरे में आ जाएंगे। यही कारण है कि कई कम्पनियां इस निर्णय को लेकर असमंजस की स्थिति में हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ बड़ी कंपनियों का कहना है कि अगर यह टैक्स लागू होता है तो कीमतों में इजाफा होगा और उत्पादक इसका बोझ ग्राहकों पर ही डालेंगे तथा ऐसे में कुछ उपभोक्ता बढ़ी कीमतों के कारण उत्पाद से दूरी भी बना सकते हैं।

प्रस्तावित टैक्स के अन्तर्गत आने वाले उत्पादों की लिस्ट में तले हुए भारतीय और पश्चिमी स्नैक्स, मिठाइयाँ, मीठी व वसायुक्त नमकीन, बर्गर, सॉस, कॉफी, बच्चों के उत्पाद, जूस, मीठे पेय पदार्थ जैसे आईटम हैं।

खाद्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के नागरिकों को स्वस्थ रखने के लिए उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा देने के साथ-साथ ऐसी सामग्री पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं।