Central Hall_Kovind

नागरिकता संशोधन कानून बनाकर गाँधीजी की इच्छा को पूरा किया गया

राष्ट्रपति (President) रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind ) ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कथन का संदर्भ देते हुए कहा कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act ) बनाकर, उनकी इच्छा को पूरा किया गया है।

संसद  (Parliament) के केन्द्रीय कक्ष (Central Hall) में शुक्रवार, 31 जनवरी, 2020 को दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि. “पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वे भारत आ सकते हैं। उन्हें सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है।”

संसद  (Parliament) के केन्द्रीय कक्ष (Central Hall) में  कोविंद (Kovind) ने कहा कि  पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुएए समय.समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे आगे बढ़ाया। हमारे राष्ट्र निर्माताओं की उस इच्छा का सम्मान करनाए हमारा दायित्व है।

राष्ट्रपति  ने  संसद  (Parliament) के केन्द्रीय कक्ष (Central Hall) में कहा कि  हम सभी इस बात के साक्षी रहे हैं कि समय के साथ पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाला अत्याचार और बढ़ा है। हाल ही में ननकाना साहिब में जो हुआ, उसे हम सभी ने देखा है। हम सभी का यह भी दायित्व है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से पूरा विश्व परिचित हो।

संसद  (Parliament) के केन्द्रीय कक्ष (Central Hall) में उन्होंने कहा कि  मैं पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करते हुए, विश्व समुदाय से इसका संज्ञान लेने और इस दिशा में आवश्यक कदम उठाने का भी आग्रह करता हूं।

राष्ट्रपति  ने  कहा कि “Minimum Government, Maximum Governance” के मूल सिद्धांत पर चलते हुए सरकार द्वारा अनेक Reform किए गए हैं। हाल ही में 58 और कानूनों को समाप्त करने के बाद अब सरकार द्वारा समाप्त किए गए कानूनों की संख्या लगभग 1500 तक पहुंच गई है।

संसद  (Parliament) के केन्द्रीय कक्ष (Central Hall) में उन्होंने कहा कि पारदर्शिता लाने के लिए हर स्तर की नियुक्ति प्रक्रिया में Reform किया जा रहा है। ग्रुप बी के अधिकांश और ग्रुप सी पदों में इंटरव्यू समाप्त किए जाने का लाभ युवाओं को हो रहा है।

भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द का संसद के संयुक्त अधिवेशन में दिया गया पूरा अभिभाषण पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें