Finance Minister Arun Jaitley

जीएसटी : चार स्तरीय कर दरें, 5 से 28 प्रतिशत तक लगेगा टैक्स

नई दिल्ली, 3 नवंबर | सभी पक्षों की मांगों पर विचार करने के बाद वस्तु एवं सेवाकर(जीएसटी) परिषद में गुरुवार को 5 से लेकर 28 प्रतिशत तक के बीच चार स्तरीय कर व्यवस्था पर आम सहमति बनी। इसके साथ ही इस बात पर भी सहमति बनी कि राज्यों के घाटे को इस नई व्यवस्था में उपकर के जरिए पूरा किया जाएगा।

पांच से 28 प्रतिशत तक कर दरों के अलावा 12 और 18 प्रतिशत के मानक दर रहेंगे। इसके अलावा विलासिता की वस्तुओं जैसे बेशकीमती कारें, पान मसाला, तंबाकू उत्पादों जैसी चीजों पर 40 से 65 प्रतिशत के बीच लगेगा।

लेकिन आम लोगों को महंगाई के दबाव से बचाने के लिए खाद्यान्नों पर कोई कर नहीं लगाया गया है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने परिषद की पहली दो दिवसीय बैठक के समाप्त होने के बाद इसका ब्योरा पेश करते हुए कहा कि फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसी वस्तुओं पर 26 प्रतिशत कर का प्रावधान किया गया था लेकिन आम सहमति 28 प्रतिशत कर पर बनी है। इन वस्तुओं पर अभी 30-31 प्रतिशत कर लगता है।

सोना पर कितना कर लगे इसे लेकर अभी आम सहमति नहीं बन पाई है।

जेटली ने राज्यों को उपकर लगाकर उनके नुकसान की भरपाई करने का कारण भी बताया। आकलन के अनुसार पहले वर्ष में क्षतिपूर्ति के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। यदि हमें इसे कर के जरिए बढ़ाना हो तो हमें एक लाख 72 हजार करोड़ की जरूरत होगी।

भारतीय उद्योग चैंबर फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन नेवतिया ने कहा, “हम जीएसटी परिषद की आम सहमति तक पहुंचने और करों की चार स्तरीय व्यवस्था करने के लिए सराहना करते हैं।”

बीएमआर और एलएलपी साझीदार महेश जय सिंह ने इस बीच आईएएनएस को कहा है कि जीएसटी की नई दर को लेकर उद्योग जगत इस अस्पष्टता को लेकर दुखी है कि कौन सी चीजें 28 प्रतिशत कर के दायरे में आएंगी।

तेज खपत उपभोक्ता वस्तुओं और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक कंपनियां उम्मीद कर रही हैं कि उनके उत्पादों पर 18 प्रतिशत ही कर लगेगा। कर का सर्वोच्च स्तर 18 प्रतिशत ही निर्धारित होना चाहिए।

–आईएएनएस