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जीएसटी 1 जुलाई से शुरू होगी किन्तु व्यापारियों की तैयारियां कम

नई दिल्ली, 13 जून (जनसमा) |  जीएसटी को लेकर व्यापरियों में तैयारियाँ काफी कम है जबकि जीएसटी लागू होने में केवल 18 दिन बाक़ी है। देश में 1 जुलाई से शुरू होजाएगी।

जीएसटी पूरे तौर पर टेक्नॉलजी पर आधारित कर प्रणाली है जिसमें किसी भी प्रकार की कोई काग़ज़ी कार्यवाही नहीं होगी । जीएसटी के अनेक प्रावधान जिसमें ख़ास तौर पर जीएसटी के मूल सिद्धांत, किस तरह से बिल बनेंगे, इनपुट क्रेडिट किस प्रकार से मिलेगा, हर व्यापारी की रेटिंग, माल के साथ सेवाओं का सम्मिश्रण आदि बिलकुल नए विषय हैं जो वर्तमान कर प्रणाली से बिलकुल अलग हैं।

दूसरी तरफ़ लगभग 60 प्रतिशत व्यापारियों ने अभी तक अपने व्यापार में कम्प्यूटर का इस्तेमाल शुरू नहीं किया है जबकि जीएसटी में सब कुछ कम्प्यूटर के ज़रिए ही होगा। जो व्यापारी अभी तक कम्प्यूटर से दूर हैं वो कैसे कर पालना करेंगे यह बड़ा सवाल है । अब जबकि जीएसटी लागू होने में केवल 19 दिन बाक़ी है तब इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्यं में व्यापारियों को कम्प्यूटर से जोड़ना असम्भव है!

जीएसटी के प्रमुख समर्थकों में से एक कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण मुद्दा है इस पर अभी तक कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। जीएसटी उपभोक्ता आधारित कर प्रणाली है जिसमें कर का भुगतान अंतिम उपभोक्ता को करना होगा और उपभोक्ता का सम्पर्क केवल व्यापारी से ही होता है और इस दृष्टि से व्यापारियों की भूमिका जीएसटी में बेहद महत्वपूर्ण है और उनको तैयार रखना आवश्यक है ।

खंडेलवाल ने सुझाव दिया की व्यापारियों को टेक्नॉलजी से जोड़ने के लिए सरकार तुरंत एक नीति बनाए। जब तक व्यापारी टेक्नॉलजी से जुड़ें तब तक फ़ौरी तौर पर सरकार को व्यापारी संगठनों का सहयोग लेते हुए संगठनों के कार्यालयों में जीएसटी सुविधा केंद्र खोलने चाहिए जिससे जिन व्यापारियों के पास कम्प्यूटर नहीं है वे भी इन केंद्रों कीं मदद से कानून की पालना कर सकें । उन्होंने यह भी सुझाव दिया की बाज़ारों में सरकार कम्प्यूटर कियोस्क लगाए ।