Guidelines for prevention of false claims and misleading advertisements by coaching institutes

कोचिंग संस्थानों के झूठे दावों और भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश

दिशानिर्देश यह भी प्रावधान करते हैं कि कोचिंग संस्थान सफलता दर या चयन की संख्या और किसी भी अन्य प्रक्रिया के बारे में ऐसे झूठे दावे नहीं करेंगे जो उपभोक्ता के लिए गलतफहमी पैदा कर सकते हैं या उपभोक्ता की स्वायत्तता और पसंद को हानि पहुंचा सकते हों।

नई दिल्ली, 9 जनवरी। कोचिंग संस्थानों के झूठे दावों और भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने दिशानिर्देश जारी किये हैं।

ये दिशानिर्देश सभी कोचिंग संस्थानों पर लागू होंगे, चाहे वे ऑनलाइन हों या भौतिक फॉर्म में हों, इसमें किसी प्रारूप या माध्यम की परवाह किए बिना सभी प्रकार के विज्ञापन शामिल होंगे।

ये दिशानिर्देश ऐसी शर्तें निर्धारित करते हैं जब कोचिंग संस्थान द्वारा दिया गया कोई विज्ञापन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत परिभाषित भ्रामक विज्ञापन माना जाएगा, जब उसमें अन्य बातों के साथ-साथ सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी [सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम (चाहे मुफ़्त हो या सशुल्क और पाठ्यक्रम की अवधि आदि) छिपाई गई हो।

दिशानिर्देश यह भी प्रावधान करते हैं कि कोचिंग संस्थान सफलता दर या चयन की संख्या और किसी भी अन्य प्रक्रिया के बारे में ऐसे झूठे दावे नहीं करेंगे जो उपभोक्ता के लिए गलतफहमी पैदा कर सकते हैं या उपभोक्ता की स्वायत्तता और पसंद को हानि पहुंचा सकते हों।

दिशानिर्देश यह भी बताते हैं कि क्या किया जाए और क्या न किया जाए, जिन्हें विज्ञापन जारी करने से पहले देखा जाना चाहिए:-

  • कोचिंग संस्थान सफल उम्मीदवार के फोटो के साथ अपेक्षित जानकारी का उल्लेख करेगा:-
  • सफल उम्मीदवार द्वारा अर्जित रैंक
  • सफल उम्मीदवार द्वारा चुना गया पाठ्यक्रम
  • कोर्स की अवधि
  • कोर्स पेड था या नि:शुल्क
  • कोचिंग संस्थान शत-प्रतिशत चयन या शत-प्रशित नौकरी की गारंटी या प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा की गारंटी का दावा नहीं करेंगे।

विज्ञापन में अस्वीकरण/प्रकटीकरण/महत्वपूर्ण जानकारी का फ़ॉन्ट का साइज वही होगा जो दावे/विज्ञापन में उपयोग किया गया है। विज्ञापन में ऐसी जानकारी प्रमुख और दृश्यमान स्थान पर होनी चाहिए।

यह भी स्पष्ट किया गया कि कोचिंग क्षेत्र द्वारा भ्रामक विज्ञापन के लिए जुर्माना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुसार नियंत्रित किया जाएगा।

यह दिशानिर्देश केवल हितधारकों के लिए स्पष्टीकरण की नियमित प्रकृति में हैं जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के मौजूदा प्रावधानों के तहत नियंत्रित करना जारी रहेगा।

इस बैठक में समिति के अध्यक्ष उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव और सीसीपीए के मुख्य आयुक्त श्री रोहित कुमार सिंह और सीसीपीए के अन्य सदस्य आयुक्त, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), शिक्षा मंत्रालय, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) दिल्ली, फिटजी, खान ग्लोबल स्टडीज और इकिगाई के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनके अलावा लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए।